बिहार टॉपर्स घोटाला: BSEB के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह और पत्नी उषा सिन्हा गिरफ्तार
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बिहार टॉपर्स घोटाला: BSEB के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह और पत्नी उषा सिन्हा गिरफ्तार

बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉपर्स घोटाले के कथित मास्टरमाइंड बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी एवं जदयू की पूर्व विधायक उषा सिन्हा को आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किया गया।

बिहार टॉपर्स घोटाला: BSEB के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह और पत्नी उषा सिन्हा गिरफ्तार

पटना: बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉपर्स घोटाले के कथित मास्टरमाइंड बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी एवं जदयू की पूर्व विधायक उषा सिन्हा को आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किया गया।

 

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया, ‘लालकेश्वर सिंह और उनकी पत्नी उषा सिन्हा को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया गया है।’ टॉपर्स मेरिट घोटाले की जांच करने वाले विशेष जांच दल का नेतृत्व कर रहे एसएसपी ने बताया कि एसआईटी को दोनों के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक मंदिर में छीपे होने के संबंध में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

 

उन्होंने बताया कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी। बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में अनियमितताओं के संबंध में पुलिस द्वारा लालकेश्वर सिंह और टॉपर्स घोटाले में सह आरोपी उनकी पत्नी उषा सिन्हा के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट हासिल करने के बाद दोनों भूमिगत हो गए थे। लालकेश्वर सिंह की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में एसआईटी के पास अदालत का आदेश था, जिसकी आज तामील की जाएगी।

कुछ दिन पहले लालकेश्वर सिंह की गिरफ्तारी के लिए सिविल कोर्ट ने वारंट जारी किया था। लालकेश्वर सिंह को पकड़ने के लिए एसआईटी की टीम जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। लालकेश्वर की पत्नी उषा सिन्हा जदयू के पूर्व विधायक रह चुकी है। इस घोटाले में उनके भी शामिल होने का आरोप है। टॉपर्स घोटाले मामले में मुख्य आरोपी बच्चा राय समेत कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

गौर हो कि जदयू की पूर्व विधायक सिन्हा ने 2015 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। क्योंकि नालंदा जिले की उनकी हिलसा सीट राजद के कोटे में चली गई थी। इसके बाद वह कॉलेज में कार्यरत हो गईं। घोटाले की जांच में भूमिका सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले में उन्हें सह-आरोपी बनाया है। पिछले पिछले कई दिनों से फरार चल रही थी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)