Bihar Samachar: पिछले साल जब कोरोना चरम पर था उस वक्त पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का इस्तेमाल हुआ था और एक निजी संस्था डॉक्टर्स विदआउट बॉडर्स को स्वास्थ्य विभाग ने इसका इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी.
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Patna: बिहार की राजधानी पटना कोरोना (Corona) का सबसे ज्यादा प्रभावित शहर है. पूरे बिहार में कोरोना के जितने मरीज मिल रहे हैं उसमें 25 फीसदी से ज्यादा मरीज सिर्फ पटना जिले के ही हैं. वहीं, एक तरफ सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिल रहे है. इसके बाद निजी अस्पतालों में भी बेड के इंतजाम किए जा रहे हैं. लेकिन राजधानी पटना में ही कई ऐसे सार्वजनिक प्रतिष्ठान हैं जिसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों के लिए हो सकता है. वहीं, कंकड़बाग में मौजूद पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स इन्हीं जगहों में एक है.
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दरअसल, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (Pataliputra Sports Complex) में इंडोर गेम का आयोजन होता है. चूंकि बिहार में अभी किसी तरह के आयोजन पर रोक है. लिहाजा इसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों के लिए हो सकता है. बता दें कि पिछले साल जब कोरोना चरम पर था उस वक्त पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का इस्तेमाल हुआ था और एक निजी संस्था डॉक्टर्स विदआउट बॉडर्स को स्वास्थ्य विभाग ने इसका इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी. जिसके बाद इस एनजीओ ने 100 बेड की क्षमता का अस्ताई अस्पताल तैयार कराया था.
सरकार के आदेश का इंतजार
यहां मरीजों के लिए बेड के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई थी. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के अंदर का हिस्सा काफी लंबा चौड़ा है और बाहरी हिस्सा खुले में मौजूद है. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स कला, युवा और संस्कृति विभाग के अंतर्गत आता है. लिहाजा विभाग के मंत्री आलोक रंजन झा के मुताबिक, उन्हें इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के इस्तेमाल के लिए स्वास्थ्य विभाग और सरकार के आदेश का इंतजार है. विभाग को इसे कोविड मरीजों के इस्तेमाल करने पर कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, बिहार में रिकवरी रेट बेहतर होते ही अस्थाई तौर से बने उपचार केंद्र को बंद कर दिया जाएगा.
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बैठक के लिया जाएगा फैसला
दूसरी ओर पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स परिसर में तीन हॉस्टल हैं. यहां 260 लोगों की क्षमता है और इसे आइसोलेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल में लाया जा सकता है. लेकिन यह तीनों हॉस्टल अभी बंद पड़े हैं. बता दें कि अभी सभी अधिकारियों की नजर कल होने वाली अहम बैठक पर है जिसमें कोरोना को लेकर बड़ा फैसला लिए जाने की उम्मीद है. इसके साथ ही यह संभव है कि आगे चलकर इसका इस्तेमाल कोरोना के मरीजों के लिए हों.