21 जनवरी को बिहार फिर एकबार बनेगा मानव श्रृंखला का गवाह, CM नीतीश ने की घोषणा
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21 जनवरी को बिहार फिर एकबार बनेगा मानव श्रृंखला का गवाह, CM नीतीश ने की घोषणा

51 मिनट के भाषण में मुख्यमंत्री नशामुक्ति की बात करते रहे और शराबबंदी का फैसला कैसे लिया गया, इसकी चर्चा की और कहा कि इससे अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं है.

मानव श्रृंखला से सरकार जागृति लाने की कोशिश कर रही है.

पटना: बिहार 2020 में 21 जनवरी को तीसरी बार राज्य स्तरीय मानव श्रृंखला (Human Chain) का गवाह बनेगा. इस बार जलवायु परिवर्तन के साथ शराबबंदी और समाज सुधार के पक्ष में लोग हाथ से हाथ मिलाकर संकल्प लेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा नशा मुक्ति दिवस पर की और अधिकारियों को तैयारियों में जुट जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस बार की मानव श्रृंखला पुराने सारे रिकार्ड को तोड़ देगी.

मानव श्रृंखला से सरकार जागृति लाने की कोशिश कर रही है. जलवायु परिवर्तन पर लोगों को जागरूक किया जायेगा. शराबबंदी को लेकर कार्रवाई के साथ जागरुकता भी फैलाएगी.

ज्ञान भवन में नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे रंग में दिखे. 51 मिनट के भाषण में मुख्यमंत्री नशामुक्ति की बात करते रहे और शराबबंदी का फैसला कैसे लिया गया, इसकी चर्चा की और कहा कि इससे अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी करके हमारी सरकार ने बापू के सपने को पूरा किया है, क्योंकि शराब पीने के बाद कोई भी व्यक्ति हैवान बन जाता है. मुख्यमंत्री ने शराबबंदी की आलोचना करनेवालों को भी निशाने पर लिया.

मुख्यमंत्री ने पुलिस और मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों को नसीहत दी और कहा कि बड़े अधिकारी सप्ताह में पांच दिन समीक्षा बैठक करें, जिससे तमाम समस्याओं का हल हो जायेगा. डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने शराबबंदी के फैसले को सही बताया.

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने शराबबंदी के बाद हुई अब तक की कार्रवाई का ब्योरा दिया, तो मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अभियान को और सख्ती से चलाने का निर्देश दिया, जबकि मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी कुमार सिंह ने शराबबंदी लागू करने की तैयारी कैसे की गयी, इसके बारे में बताया.

शराबबंदी से नशा मुक्ति की ओर बढ़ना बिहार सरकार का लक्ष्य रहा है. इसके लिए सरकार की ओर से विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जा रहे हैं. गीत संगीत, जीविका दीदियों और शिक्षा विभाग की ओर से इसको लेकर अभियान चलाया जा रहा है.