जल संसाधन मंत्री संजय झा ने गंगा के पानी में हिस्सेदारी मांगी है. उन्होंने कहा कि जनवरी से अप्रैल के बीच नहीं बिहार को पूरा पानी नहीं मिलता है.
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पटना- गंगा के पानी को लेकर केंद्र और राज्य के बीच बढ़ा टकराव की स्थिति हो गई है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने गंगा के पानी में हिस्सेदारी मांगी है. उन्होंने कहा कि जनवरी से अप्रैल के बीच नहीं बिहार को पूरा पानी नहीं मिलता है.
उन्होंने कहा कि इस दौरान बक्सर को सिर्फ 400 क्यूसेक पानी मिलता है. बिहार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय में बिहार के मंत्री ने गुहार लगाई है. बिहार को बांग्लादेश के हित भी देखना पड़ता है. गंगा नदी पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बने हैं बांध और डैम.
साथ ही उन्होंने कहा है कि गर्मी के समय सूखे जैसी बिहार में गंगा की स्थिति. आपको बता दें कि उन्होंने बिहार में बाढ़ के हालात पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि फरक्का बाराज (Farakka Barrage) को तोड़े बिना या गंगा में जमी गाद को साफ कराए बिना बाढ़ की समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता है.https://zeenews.india.com/hindi/india/bihar-jharkhand
इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से इस दिशा में पहल करने की अपील की है. संजय झा यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि बिहार के लिए फरक्का बराज शोक बन गया है. उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं.
बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने कहा कि फरक्का बराज के कारण गंगा (Ganga) की अविरलता नहीं बची है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इलाहाबाद से पटना की दूरी 515 किलोमीटर है. इस दूरी तो तय करने में पानी को 48 घंटा लगता है. वहीं, पटना से फरक्का की दूरी है 400 किलोमीटर. इस दूरी तय करने में लगभग 9 दिन लगते हैं. यह स्थिति गाद के कारण उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि फरक्का को तोड़े बिना समस्या का समाधान नहीं है. अगर नहीं तोड़ते हैं तो उसके बनावट को बदला जाए. पटना से फरक्का तक गाद निकाला जाए.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसका हल नहीं निकाला गया तो प्रत्येक साल समस्या बढ़ती ही जाएगी. पटना, भागलपुर, मुंगेर जैसे शहरों पर आज गंगा के कारण खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि फरक्का बांध जब भी बनाया गया बिहार के हितों से समझौता कर बनाया गया. उन्होंने कहा कि बिना तोड़े इसका कोई समाधान नहीं है.