बगहा एसडीएम दीपक मिश्रा और कमांडेंट पंकज ने बताया कि अब ग्रामीणों के बीच वृद्धा पेंशन, मेडिकल सर्टिफिकेट सहित तमाम सुविधाएं सरकार इनके दरवाजे पर लेकर आएगी.
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बेतिया: बेतिया के रामनगर प्रखंड में आजादी के 75 साल बाद भी लोगों को राशन कार्ड का इंतजार करना पड़ रहा था. आदिवासी बाहुल्य नरकटिया दोन के टाइगर रिजर्व और रास्ते में पड़ने वाली 22 नदियों ने आज तक इस इलाके में आवागमन को रोके रखा था.
पहली बार लोगों को मिला राशन कार्ड
एसएसबी (SSB) की 65वीं बटालियन के IAS दीपक मिश्रा के पहल से इलाके की तस्वीर अब बदल रही है. एक हजार ग्रामीणों के बीच एसडीएम दीपक मिश्रा ने कैंप लगाकर खुद राशन कार्ड का वितरण किया. ग्रामीणों में इसको लेकर काफी खुशी है.
ग्रामीणों को अब राशन मिल रहा है. दोन में लोग आज भी सरकार की राह हमेशा देखते रहते है. आज उनके द्वार पर सरकार पहुंची है और सबसे पहले रोटी का इंतजाम कर रही है. बगहा एसडीएम दीपक मिश्रा और कमांडेंट पंकज ने बताया कि अब ग्रामीणों के बीच वृद्धा पेंशन, मेडिकल सर्टिफिकेट सहित तमाम सुविधाएं सरकार इनके दरवाजे पर लेकर आएगी.
आज तक क्यों उपेक्षित रहा क्षेत्र?
हिमालय की तराइयों से जुड़ा यह प्रदेश, आधारभूत संरचनाओं के अभाव में है. जंगल और लगभग 25 नदियों से लगने वाले इस प्रदेश में सड़क और पुल की सुविधा भी नहीं है. यहां पहुंचने के लिए गाड़ियों में सिर्फ ट्रैक्टर का ही प्रयोग किया जा सकता है. यातायात व्यवस्था न होना इस क्षेत्र की उपेक्षा का प्रमुख कारण है.
गौरतलब है कि अब इस क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलनी शुरू हुईं है, जिससे यहां के लोगों में काफी उत्साह है.
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(इनपुट-धंनजय द्विवेदी)