भगवानपुर पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि लगभग दर्जनभर से अधिक लोग इस बिमारी से ग्रसित हुए हैं. हालांकि, उपाचार के बाद लोग धीरे-धीरे ठीक भी हो रहें हैं लेकिन इस बिमारी के कारण बीते गुरुवार को पांच वर्ष के संतोष की जान चली गई. वहीं, गांव के कई लोगों का सरकारी और निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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Bettiah: पहले कोरोना (Corona) फिर बाढ (Bihar Flood) और अब डायरिया (Diarrhoea) के प्रकोप से नौतन प्रकंड, भगवानपुर पंचायत के वार्ड नंबर 4 के लोग काफी परेशान हैं. इस बिमारी से ग्रामीणों में कोहराम मचा हुआ है. आलम ये है कि पिछले प्रंदह दिनों में लगभग दर्जन भर से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं. पहले कोरोना महामारी और अब डायरिया के प्रकोप ने लोगों को दहशत में जीने पर मजबूर कर दिया है.
दर्जनों लोगों की हालत गंभीर
नौतन प्रकंड, भगवानपुर पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि लगभग दर्जनभर से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रसित हुए हैं. हालांकि, उपाचार के बाद लोग धीरे-धीरे ठीक भी हो रहें हैं लेकिन इस बिमारी के कारण बीते गुरुवार को पांच वर्ष के संतोष की जान चली गई. वहीं, गांव के कई लोगों का सरकारी और निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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मेडिकल टीम पर लापरवाही का आरोप
इधर, संतोष (5) की डायरिया से मौत होने के बाद ग्रामीणों ने पीएचसी (PHC) की मेडिकल टीम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिस दिन संतोष की मौत हुई थी उसी दिन मेडिकल टीम गांव में आई थी. मेडिकल टीम संतोष को दवाइयां और साफ-सफाई का ध्यान रखने को कहकर चली गई. इसके बाद कोई भी संतोष का हाल जानने नहीं आया.
क्या हैं डायरिया रोग के लक्षण?
बता दें कि डायरिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं. डायरिया के कॉमन संकेत और लक्षण निम्न हैं- जी मिचलाना, पेट में मरोड़, लूज मोशन, सूजन, डिहाइड्रेशन, बुखार, मल में खून आना. डायरिया रोग की मुख्य तौर पर छोटे बच्चों और बुजुर्गो में होने की संभावना अधिक रहती है.
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कैसे करें डायरिया को कंट्रोल?
डिहाइड्रेशन दस्त की सबसे आम जटिलता है, जो बहुत खतरनाक हो सकता है. पूरे दिन नियमित रूप से पानी, शोरबा और जूस पीते रहें. भले ही एक बार में एक छोटा घूंट भी क्यों न लें लेकिन डायरिया की वजह से खोए हुए तरल पदार्थों की पूर्ति के लिए ये करना आवश्यक हैं. डायरिया से बचने के लिए एंटी-डायरियल दवा का इस्तेमाल भी जरूर करें.
(इनपुट- इमरान अजीज)