तेजस्वी के लिए सिरदर्द बनने वाले हैं कन्हैया! शुरू से ही रहा है '36 का आंकड़ा'
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तेजस्वी के लिए सिरदर्द बनने वाले हैं कन्हैया! शुरू से ही रहा है '36 का आंकड़ा'

 बिहार (Bihar) में वामपंथी दल के जरिए राजनीति की शुरूआत करने वाले नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) तमाम अटकलों के बीच कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करके RJD के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. 

तेजस्वी के लिए सिरदर्द बनने वाले हैं कन्हैया(फाइल फोटो)

Patna: बिहार (Bihar) में वामपंथी दल के जरिए राजनीति की शुरूआत करने वाले नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) तमाम अटकलों के बीच कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करके RJD के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. कन्हैया के कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद वे उस विपक्षी दलों के महागठबंधन में इंट्री ले ली है जिसके निर्विवाद नेता अब तक RJDके तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) माने जाते रहे हैं. ऐसे में यह कयास लगाया जाना लगा है कि अब कन्हैया बिहार में RJD के युवा नेता तेजस्वी के लिए परेशानी का कारण बनेंगे. 

कन्हैया की छवि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी नेता के रूप में रही है.  पिछले लोकसभा चुनाव हो या पिछले साल विधानसभा चुनाव हो RJDके नेता तेजस्वी यादव अब तक कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा नहीं की है.  पिछले विधानसभा चुनाव में वामपंथी दल भी महागठबंधन में शामिल थे. 

वैसे, RJDऔर कन्हैया के बीच प्रारंभ से ही 36 का आंकड़ा रहा है.  पिछले लोकसभा चुनाव में भी जब बेगूसराय से सीपीआई की टिकट पर कन्हैया चुनाव मैदान में उतरे थे तब RJDने वहां से तनवीर हसन को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणात्मक बना दिया था, जिसका अंतत: लाभ राजग को मिला और भाजपा के प्रत्याशी गिरिराज सिंह को यहां जीत मिली. 

अब चर्चा है कि अगर कन्हैया कुमार को बिहार में कोई जिम्मेदारी कांग्रेस सौंपती है तो इसका सीधा असर तेजस्वी यादव पर पड़ सकता है.  इसमें कोई शक नहीं तेजस्वी को राजनीति जहां विरासत में मिली है, वहीं कन्हैया संघर्ष कर राजनीति में अपना वजूद तलाश रहे हैं. 

RJDके सूत्रों का भी मानना है कि पार्टी में इसे लेकर चर्चा भी तेज हो गई है.  तेजस्वी और कन्हैया दोनों युवा है.  दोनों विपक्ष में हैं, ऐसे में तेजस्वी के लिए महागठबंधन में ही चुनौती मिलेगी, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है.  बिहार में महागठबंधन में RJDसबसे बड़ी पार्टी है और महागठबंधन में लालू प्रसाद से बड़ा कोई चेहरा भी नहीं है.  ऐसे में लालू प्रसाद के पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव निर्विवाद रूप से महागठबंधन के नेता बने हुए हैं.  लेकिन कांग्रेस के कन्हैया के बिहार की राजनीति का अगर दायित्व मिलता है, तो तेजस्वी के लिए आगे की राह इतनी आसान नहीं होगी. 

सवाल इन दोनों नेताओं के व्यक्तित्व को लेकर भी है.  दोनों नेता एक-दूसरे के नीचे काम करेंगे, यह भी भविष्य में देखने वाली बात होगी.  अगर, कांग्रेस महागठबंधन में रहती है तो यह देखना काफी दिलचस्प होगा.  RJD के प्रवक्ता और भाई वीरेंद्र ने इसके संकेत दे भी दिए हैं.  भाई वीरेंद्र ने कन्हैया को पहचानने से ही इंकार कर दिया. 

(इनपुट:आईएएनएस)

 

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