Chapra: छपरा के तरैया में खदरा नदी का पुल अब जानलेवा बन गया है. पुल सरकारी अनदेखी की कहानी खुद बयां कर रहा है. पुल का रोड नहीं बनने से लोगों की समस्या और ज्यादा बढ़ गई है. तरैया बाजार से सटे प्रखंड मुख्यालय और थाने जानेवाली मुख्य सड़क पर उच्चस्तरीय आरसीसी पुल का निर्माण होना था, लेकिन निर्माण कार्य में हो रही देरी से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. 


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दो साल से लटका है काम 
खदरा नदी पर पुल निर्माण का कार्य दो वर्षों से अधिक समय से चल रहा है, लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पुल का कार्य पूरी तरह से नहीं समाप्त हुआ है. पुल निर्माण स्थल पर लगे विवरण बोर्ड पर निर्माण कार्य प्रारंभ होने की तिथि 28 अगस्त 2019 और पुल निर्माण कार्य समाप्ति की तिथि 20 अगस्त 2020 अंकित है. इसके बावजूद पुल से जुड़े कई काम अधूरे हैं. पुल निर्माण कार्य समाप्ति की तिथि को बीते हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने उसकी कोई सुध नहीं ली है. पुल के अधूरे काम के चलते लोगों की परेशानी बढ़ गई है. खदरा नदी में संवेदक द्वारा किसी तरह से पुल का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन अब अप्रोच पथ की समस्या बनी हुई है. 


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बारिश के बाद बिगड़े हालत 
संवेदक ने लगभग एक सप्ताह पहले रामकोला फॉर्म की जमीन से रात्रि में जेसीबी और ट्रैक्टर के जरिए पुल के दोनों तरफ मिट्टी की ढेर लगा दिया, जिसके चलते स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूल जाने वाले छात्रों को दिक्कत हो रही है. बारिश के बाद मिट्टी पर फिसलन बढ़ गई, जिसके चलते पुल के पास अबतक कई लोग फिसल कर चोटिल हो चुके हैं. लगातार बारिश होने के कारण पुल के दोनों तरफ दलदल की समस्या हो गई है. इसकी वजह से राहगीरों को जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ रहा है. 


लोगों के साथ मवेशी भी परेशान 
 तरैया प्रखंड के पचभिंडा गांव के लोग अपने जानवरों को चारा खिलाने के लिए नदी के उस पार से रामकोला मैदान में लाते-जाते हैं. ऐसे में दलदल में फिसलने से कई मवेशियों को भी चोट लगी है. इसके बाद भी प्रशासन की ओर से अनदेखी जारी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि दलदल के चलते कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. ग्रामीण प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि अगर कोई हादसा होगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? 


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बता दें कि यहां पुल के दोनों तरफ सड़क से लगभग 10 फीट ऊंचे उच्चस्तरीय आरसीसी पुल का निर्माण किया गया है और पुल के दोनों तरफ 5-5 फिट छोड़कर बीच में मिट्टी डाली गई है. लोगों के मुताबिक, यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. वहीं, खदरा नदी में पुल पर आवागमन नहीं होने के कारण रेफरल अस्पताल, प्रखंड और अंचल मुख्यालय, थाना, विद्युत सबस्टेशन, कॉलेज समेत दूसरे सरकारी कार्यालयों में जाने के लिए देवरिया हाई स्कूल के रास्ते होते हुए भलुआ होकर जाना पड़ रहा है. अब देखना यह है की प्रशासन कब लोगों की इस समस्या पर संज्ञान लेता है.


(इनपुट- राकेश कुमार)