पूर्णिया में एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन करेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बढ़ेगा रोजगार
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पूर्णिया में एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन करेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बढ़ेगा रोजगार

30 अप्रैल को बिहार उद्योग क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करने जा रहा है, केंद्र और राज्य की इथेनॉल पॉलिसी 2021 के बाद देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का शुभारंभ होने जा रहा है. पूर्णियां के कृत्यानंद नगर के परोरा में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि.

(फाइल फोटो)

पटनाः 30 अप्रैल को बिहार उद्योग क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करने जा रहा है, केंद्र और राज्य की इथेनॉल पॉलिसी 2021 के बाद देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का शुभारंभ होने जा रहा है. पूर्णियां के कृत्यानंद नगर के परोरा में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. (EIBPL) द्वारा 105 करोड़ की लागत से स्थापित ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का शुभारंभ 30 अप्रैल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन मुख्य अतिथि के रुप में इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे. साथ ही खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह और पूर्णियां सांसद संतोष कुशवाहा भी वहां मौजूद रहेंगे. 
 
पूर्णियां के परोरा में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. (EIBPL) द्वारा स्थापित ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट की उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर प्रतिदिन है. इसके साथ ही इस प्लांट से प्रतिदिन 27 टन DDGS यानी एनिमल फीड बनाने के लिए जो पोषक तत्व से पूर्ण कच्चे माल की जरुरत होती है, उसका उत्पादन बायप्रोडक्ट के रुप में होगा.

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बिहार इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत बिहार में पहले चरण में 17 इथेनॉल उत्पादन ईकाईयां स्थापित हो रही हैं. इनमें से 4 ईथेनॉल ईकाईयां बनकर तैयार हैं. 30 अप्रैल को 17 में से पहले ग्रेन बेस्ड ईथेनॉल प्लांट का शुभारभं हो जाएगा और इसके अलावा 3 और ईकाईयां जिनमें से दो गोपालगंज में हैं और 1 आरा में इनका भी शुभारंभ जल्द होगा.

पूर्णियां के परोरा में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. (EIBPL) द्वारा स्थापित प्लांट की जरुरत को पूरा करने के लिए प्रतिदिन करीब 145 से 150 टन चावल या मक्के की जरुरत होगी. इस खरीद से सीधा फायदा बिहार के किसानों को मिलेगा.

15 एकड़ क्षेत्र में बने ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. (EIBPL) के इथेनॉल प्लांट की खासियत ये है कि इसमें ईंधन और भाप की जरुरत को पूरी करने के लिए चावल की भूसी का इस्तेमाल होगा. इस लिहाज से करीब 130 टन चावल की भूसी की खपत इस प्लांट में प्रतिदिन होगी.

प्लांट में तैयार इथेनॉल को ऑयल मार्केटिंग कम्पनीज जिनमें इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम शामिल हैं, उन्हें बेचा जाएगा, इसके लिए तेल मार्केटिंग कंपनियों से 10 साल का करार किया गया है.

अत्याधुनिक तकनीक की मशीनों से लैस पूर्णियां में बना ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. (EIBPL) का इथेनॉल प्लांट पर्यावरण अनुकूल भी है. प्लांट की डिजाइनिंग ऐसी है कि पर्यावरण की अनुकूलता को देखते हुए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) सुनिश्चित होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में बायोफ्यूल्स को काफी गंभीरता से बढ़ावा दिया जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 2007 से अनाज से इथेनॉल बनाने की इजाजत की मांग कर रहे थे. ये मांग केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूरी की. इसी उदेश्य पर आगे बढ़ते हुए बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बना जिसकी इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति आई और अब 2021 में केंद्र और राज्य की इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति आने के बाद से बिहार फिर नंबर 1 बना है.  2021 में केंद्र और बिहार की इथेनॉल पॉलिसी के बाद देश का पहला ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल उत्पादन प्लांट का शुभांरभ बिहार के CM नीतीश कुमार के कर कमलों से होगा.

बिहार में इथेनॉल उद्योगों की स्थापना से न सिर्फ बिहार वासियों की उम्मीदें पूरी हो रही हैं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का सपना, किसानों की आमदनी बढ़ाने का सपना पूरा हो रहा है. तेल में इथेनॉल की ब्लेंडिंग से इसकी भी कीमतों में राहत मिलेगी.

आपको बता दें 2021 में लाई गई बिहार की इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति काफी सफल रही. इसके तहत बिहार में 151 इथेनॉल ईकाईयों की स्थापना के लिए कुल 30,382 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए. लेकिन कोटा कम मिलने से फिलहाल 17 इथेनॉल ईकाईयों की स्थापना पहले चरण में हो रही है.

फिलहाल बिहार को 36 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का कोटा मिला है लेकिन इथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल व पानी की उपलब्धता, इसमें निवेश के लिए आए प्रस्ताव व अन्य अनुकूलता को देखते हुए बिहार के इथेनॉल उत्पादन की क्षमता 172 करोड़ लीटर सालाना है.

बिहार को इसकी इथेनॉल उत्पादन क्षमता के हिसाब से कोटा मिला तो न सिर्फ बिहार देश का सबसे बड़ा इथेनॉल हब बनकर उभरेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के विकास में अत्यंत अहम भागीदारी निभाएगा.

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