Corona Alert: पटना में इस समय बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है. हालांकि इसकी प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है. आंकड़ों के अनुसार अभी तक महज 32 प्रतिशत ही बच्चों को वैक्सीनेशन के डोज दिए गए हैं. जिसमें 12 से 14 साल के बच्चे शामिल हैं.
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Patna:Corona Alert: मुम्बई, दिल्ली, उत्तर प्रदेश जैसे शहरों में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. दूसरे राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. हालातों के चलते रेलवे स्टेशन के बाद अब एयरपोर्ट पर काफी सख्ती बढ़ा दी गई है. मंगलवार के दिन सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी सिंह और एयरपोर्ट प्रबंधन ने बैठक की, इसमें कोरोना के बढ़ते मामलों पर बाते कर कई बिंदुओं पर भी निर्णय लिए गए हैं.
एयरपोर्ट पर हो रही है जांच
डॉ विभा ने बताया कि पटना एयरपोर्ट पर आने वाले लोगों के लिए कोरोना की जांच अनिवार्य कर दी जाएगी. जिसके लिए तीन अलग टीमें एयरपोर्ट पर काम करेंगी, जो कि अलग-अलग शिफ्टों में तैनात रहेंगी. मंगलवार के दिन करीब 20 से 25 यात्रियों की कोरोना जांच की गई, इसमें कोई भी पॉजिटिव नहीं निकला है. उन्होंने बताया कि जांच के लिए लगातार अनाउंसमेंट की जाएगी. इसके साथ ही संदिग्ध यात्रियों की आरटीपीसीआर की जांच भी करवाई जाएगी. जो भी यात्री पॉजिटिव पाया जाएगा उसे क्वारेंटिन या फिर होम आइसोलेशन के लिए रखा जाएगा.
बच्चों को वैक्सीनेशन धीमी गति से लगाई जा रही
पटना में इस समय बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है. हालांकि इसकी प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है. आंकड़ों के अनुसार अभी तक महज 32 प्रतिशत ही बच्चों को वैक्सीनेशन के डोज दिए गए हैं. जिसमें 12 से 14 साल के बच्चे शामिल हैं. इस आयु के 68% बच्चों को अभी तक वैक्सीन नहीं लग पाई है. इसके अलावा 15 से 17 साल की उम्र में 54 प्रतिशत बच्चों को पहला डोज दिया जा चुका है. साथ ही 67 प्रतिशत बच्चे दूसरा डोज ले चुके हैं. बच्चों को वैक्सीनेशन लगाने का अभियान काफी धीमी गति से चल रहा है. यहां तक की बच्चों को स्कूल में पहुंच कर भी वैक्सीन लगवाई जा रही है.
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम
बच्चों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने के लिए जिले में 2214 मध्य और हाइ स्कूलों में कैंप लगाए जा गए हैं. जिसमें से लगभग 1723 स्कूलों में अभी तक कैंप लग चुका है. इसमें 312 शहरी स्कूल शामिल हैं और 1411 ग्रामीण स्कूल शामिल हैं. इतनी संख्या में स्कूलों में कैंप लगने के बाद भी बच्चों को वैक्सीनेशन लगाने का अभियान काफी पिछे चल रहा है. इसका पहला मुख्य कारण यह है कि स्कूल में बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखने को मिल रही है. इसके साथ ही लगातार बढ़ती गर्मी के कारण बच्चों के माता-पिता ने वैक्सीन लगाने से इंकार किया है.