Corona Effect: बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा पर भी पड़ा 'Covid' का असर, जानिए कैसे
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Corona Effect: बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा पर भी पड़ा 'Covid' का असर, जानिए कैसे

कोरोना का असर (Corona Effect) मैट्रिक परीक्षा पर भी दिख रहा है. 10वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड कुल 1749187 स्टूडेंट्स में से 1648894 स्टूडेंट्स ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है.

फरवरी 2022 में आयोजित की जानी है मैट्रिक परीक्षा.

Patna: बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) की 10वीं, यानी मैट्रिक परीक्षा (Matric Exam) का आयोजन 17 फरवरी 2022 से किया जाना है. परीक्षा फॉर्म (Exam Form) भरने की प्रक्रिया 3 नवंबर 2021 तक पूरी की जा चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 10वीं परीक्षा 2022 के लिए राज्य भर से कुल 1749187 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था.  

1749187 स्टूडेंट्स ने कराया था रजिस्ट्रेशन, परीक्षा फॉर्म भरने वाले की संख्या 1648894 
बता दें कि कोरोना का असर (Corona Effect) मैट्रिक परीक्षा पर भी दिख रहा है. 10वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड कुल 1749187 स्टूडेंट्स में से 1648894 स्टूडेंट्स ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है. यानी कि 1 लाख से भी अधिक स्टूडेंट्स ने परीक्षा फॉर्म नहीं भरा है. जबकि बोर्ड द्वारा कई बार परीक्षा फॉर्म भरने की डेट बढ़ाई भी गई थी. 

सबसे अधिक अंतर पूर्वी चंपारण में 
रजिस्ट्रेशन फॉर्म और परीक्षा फॉर्म भरने में इतना बड़ा अंतर कई वर्षों के बाद देखा गया है. सबसे अधिक अंतर पूर्वी चंपारण (East Champaran) में है. यहां 88346 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन 73417 कैंडिडेट्स ने ही परीक्षा फॉर्म भरे.

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मुजफ्फरपुर और मधुबनी में भी बड़ा अंतर 
मुजफ्फरपुर से 81289 स्टूडेंट्स ने मैट्रिक एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन 67794 स्टूडेंट्स ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है. वहीं मधुबनी से 72550 रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स में से 60453 कैंडिडेट्स ने ही एग्जाम फॉर्म भरा है. सीतामढ़ी की भी यही स्थिति है. 

परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाने के ये हैं मुख्य कारण 
बता दें कि कई स्टूडेंट्स की माता या पिता की मृत्यु कोरोना के कारण हुई थी. खुद कई स्टूडेंट्स भी कोरोना की चपेट में आ गए थे. कोविड (Covid) के कारण कई माह तक ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन बंद रहा और कई छात्र साल भर ऑनलाइन पढ़ाई से दूर रहे. आर्थिक दिक्कतों और परीक्षा की तैयारी नहीं हो पाने की वजह से भी कई स्टूडेंट्स एग्जाम फॉर्म भरने से वंचित रह गए.

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