बिहार सरकार का बड़ा फैसला, जेल में कार्यरत महिलाकर्मियों के बच्चों के लिए खुलेंगे पालनाघर
बिहार के कारागारों में काम करने वाली महिलाओं के बच्चों के लिए अब पालना घर खुलेंगे.
Patna: बिहार के कारागारों में काम करने वाली महिलाओं के बच्चों के लिए अब पालना घर खुलेंगे. इसके लिए राज्य महिला एवं बाल विकास निगम ने पहल प्रारंभ कर दी है. सरकार का मानना है कि जेल में कार्य कर रही ऐसी महिलाएं जिनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, उन्हें ड्यूटी के समय की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इन महिलाकर्मियों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और बेहतर देखभाल के लिए राज्य महिला एवं बाल विकास निगम तथा कारा एवं सुधार सेवाएं साथ मिलकर पालनाघर की योजना बनाई है.
इस पालनाघर में छह माह से पांच साल के बच्चों की देखभाल की जाएगी. बताया जा रहा है कि महिला कर्मचारी ड्यूटी के दौरान अपने बच्चों को छोड़ कर निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी कर सकेंगी.
निगम के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभ में आठ जिलों की 10 जेलों में इसकी शुरूआत की जाएगी. उन्होंने बताया कि पालनाघर स्थापना के लिए राशि महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से दी जाएगी, जबकि उसका रखरखाव एवं संचालन संबंधित एजेंसियों द्वारा किया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि प्रत्येक पालना घरों में 10 बच्चों के रहने की व्यवस्था की जाएगी. महिला एवं बाल विकास निगम की प्रबंध निदेशक हरजोत कौर ने बताया कि संस्थान में 25 महिलाएं कार्यरत हैं और उनके साथ बच्चे हैं तो वहां पालनाघर की स्वीकृति दी गई है.
इस योजना का उद्देश्य किसी भी सरकारी कार्यालयों एवं संस्थाओं में कार्यरत महिला कर्मियों की सुविधा के लिए प्रभावी बनाया गया है, जिससे कामकाजी महिलाओं को अपनी ड्यूटी के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो. कहा जाता है कि बच्चों के कारण कई महिलाएं अपनी नौकरी छोड़ देती हैं.
(इनपुट:आईएएनएस)