पटना में बढ़ा डेंगू का कहर, जानें क्या है लक्षण और कैसे करें बचाव
सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी की मानें तो शरीर में प्लेटलेट की मात्रा एक लाख से लगभाग पांच लाख होती है और इसकी मात्रा पचास हजार से जैसे-जैसे नीचे आती है तो उस व्यक्ति में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है.
Patna: कोरोना के बाद बिहार में डेंगू ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. राज्यों में दर्जनो मरीज डेंगू से ग्रसित पाए जा रहे हैं, जिसका कहर पटना में भी देखने कों मिला है. राजधानी में अभी 99 मरीज पॉजिटिव है.
पटना में कहां बना डेंगू का हॉट स्पॉट
डेंगू मच्छर काटने से होता है. ये बीमारी वायरस के जरिए शरीर के अंदर प्रवेश करती है और फिर इसके लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं. बुखार, खांसी और सांस में दिक्कत आना इसके मुख्य लक्षण हैं. पटना में कंकड़बाग, अगमकुआं, पटना सिटी के बाद पुनाईचक, इंद्रपुरी, शिवपुरी और न्यू पाटलिपुत्रा कॉलोनी डेंगू का नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है.
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कब होता है डेंगू?
सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी की मानें तो शरीर में प्लेटलेट की मात्रा एक लाख से लगभग पांच लाख होती है और इसकी मात्रा पचास हजार से जैसे-जैसे नीचे आती है तो उस व्यक्ति में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, इससे बचने के लिए कूलर या अन्य कोई भी सामान में पानी नहीं जमने देना चाहिए, अगर पानी जमता है तो इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है.
पटना में बढ़े डेंगू के मरीज
पटना में पीएमसीएच, एनएमसीएच के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल में इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है. पटना के शहरी क्षेत्रों बाकरगंज, पटना सिटी, बाजार समिति, दीघा, ट्रांसपोर्ट नगर में डेंगू के मरीज ज्यादा मिल रहे हैं. वहीं, अब शहर के नए इलाके भी डेंगू की चपेट में आ रहे हैं. मछुआ टोली, पुनपुन, गर्दनीबाग, स्लम बस्ती से भी एक-दो डेंगू के मरीज मिलने लगे हैं. इससे बीमारियों का खतरा व दायरा बढ़ने लगा है. अब तक पटना में डेंगू के कुल 99 मरीज मिले हैं.
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डेंगू के लक्षण
डेंगू एडिज एजिप्टाई मच्छर के काटने से होता है
तेज बुखार, बदन दर्द व जोड़ों का दर्द होता है
मरीज के शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं
दांत, मुंह, नाक से खून भी आने लगता है
रक्त की जांच में प्लेटलेट्स एक लाख से कम हो जाता है
डेंगू से बचाव के लिए क्या करें?
छतों पर टायर व पुराने बर्तनों में पानी जमा नहीं होने दें
कूलर, गमले आदि का पानी बराबर बदलते रहें
आसपास में जलजमाव होने पर जला हुआ मोबिल, मिट्टी का तेल आदि का छिड़काव करें
रात के साथ-साथ दिन में भी मच्छरदानी का प्रयोग करें
कार्यालय में कामकाज के दौरान पूरी बांह के कपड़े पहनें
बुखार आने पर चिकित्सकीय परामर्श जरूर लें