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मधुबनीः मधुबनी में एक पिता ने ऐसा काम किया है जो सरकार के शराबबंदी कानून के फैसले पर एकदम खरा उतरा है. दरअसल नीतीश कुमार ने जबसे शराबबंदी का फैसला लिया है उनपर सवाल उठते रहे हैं. कहा जाता है बिहार में शराब बंदी के बाद से शराब की होम डिलेवरी प्रदेश में होती है. इसी का फायदा प्रभाष ठाकुर के दो साहबजादे बेटे उठा रहे थे.
प्रभाष ठाकुर के दोनों बेटे शराब के नशे में जमकर हंगामा उत्पात मचाते थे. बेटे की इस आदत से परेशान पिता ने इस बात की सुचना पुलिस को दे दी और पुलिस ने दोनों शराबी बेटे को हवालात पहुंचा दिया. 32 वर्षीय आनंद मोहन ठाकुर व 28 वर्षीय संजीव मोहन ठाकुर शराब के नशे में जमकर गाली गलौज एवं हंगामा कर रहे थे. जो पिता प्रभाष ठाकुर को नागवार गुजरी.
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पिता ने इस बात की सुचना स्थानीय पुलिस को दे दी. घटना की सुचना मिलते ही पुलिस ने हंगामा कर रहे दोनों भाई को गिरफ्तार कर लिया. एसपी सुशील कुमार ने बताया पहले ब्रेथ एनेलाइजर मशीन से टेस्ट किया गया. जिसमें शराब पीने की पुष्टि हुई. बाद में अस्पताल में ब्लड सेम्पल की जांच कराई गयी चिकित्सक ने भी शराब पीने की पुष्टि की.
इसके बाद पिता के आवेदन के आधार पर दोनों ही शराबी बेटों को पुलिस ने जेल भेज दिया है. पीड़ित पिता की मानें तो उनका पुत्र शराब मामले में दो बार पूर्व में भी जेल जा चुका है. इस घटना ने सरकार के शराबबंदी के फैसले को एक नयी रौशनी देने का काम किया है और नशा मुक्ति अभियान के सफलता में एक मिल का पत्थर साबित हुआ है. यदि इस पिता की तरह समाज का हर व्यक्ति अपनी जिम्मेवारी समझने लगे तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नशा मुक्ति अभियान एक सफल अभियान साबित होगा और यह कहना गलत नहीं होगा कि लोगों की जागरूकता से बिहार में शराबबंदी की सफलता एक नयी रौशनी बन सकती है.