रबी सीजन में बिहार में खाद की कमी, सरकार ने दिया जल्द ही किल्लत दूर करने का भरोसा
Advertisement

रबी सीजन में बिहार में खाद की कमी, सरकार ने दिया जल्द ही किल्लत दूर करने का भरोसा

बिहार में खाद की किल्लत ने एक बार फिर किसानों की नींद उड़ा दी है. सुबह 3-4 बजे से किसान कतार में लग रहे हैं लेकिन खाद मिलेगी या नहीं, यह गारंटी नहीं है. खाद की कमी से परेशान किसान जगह-जगह जाम लगा रहे हैं, विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार में खाद की किल्लत ने एक बार फिर किसानों की नींद उड़ा दी है. सुबह 3-4 बजे से किसान कतार में लग रहे हैं लेकिन खाद मिलेगी या नहीं, यह गारंटी नहीं है. खाद की कमी से परेशान किसान जगह-जगह जाम लगा रहे हैं, विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र से खाद की किल्लत पर बातचीत की है और एक हफ्ते में पर्याप्त खेप पहुंचने की उम्मीद जताई है.

कई जगह जाम और विरोध प्रदर्शन

मुंगेर जिले के तारापुर अनुमंडल में पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी सुबह 3-4 बजे से कतार में दिखीं. घंटों तक कतार में रहने के बावजूद ज्यादातर किसानों को मायूस लौटना पड़ा. कतार में लगी एक महिला ने नाराजगी भरे स्वर में कहा, 'सुबह चार बजे से हमलोग खाद के लिए बैठे हैं. बाल-बच्चों को छोड़कर आए हैं, तपस्या कर रहे हैं.' उधर, मधेपुरा में भी खाद के लिए ऐसी ही विकट स्थिति दिखी. खाद ना मिलने से नाराज़ किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम कर दिया. मधेपुरा के मुरलीगंज में पिछले दो सप्ताह से खाद के लिए किसान परेशान हैं. बिस्कोमान के प्रभारी प्रबंधक दीपक कुमार ने कहा, 'खाद की रैक आ चुकी है, लेकिन पंचायत चुनाव में प्रशासनिक अधिकारियों की व्यस्तता की वजह से खाद वितरण में देर हुई है.'

आरा में भारतीय किसान महासभा ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना था, प्रशासन खाद की कालाबाजारी रोकने में पूरी तरह नाकाम रहा है, इसी वज़ह से किसानों को ऊंचे दाम पर खाद की खरीदारी करनी पड़ रही है. प्रदर्शन में मौजूद सीपीआई एमएल के विधायक सुदामा प्रसाद ने सरकार पर निशाना साधा. वहीं सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड में किसान सड़कों पर उतरे और अफरा-तफरी देखी गई. सारण जिले में भी किसान खाद के लिए भटक रहे हैं. उन्हें चिता है कि रबी फसल की बुआई का वक्त बीत रहा है लेकिन डीएपी कहीं भी उपलब्ध नहीं है.

खाद की समस्या की वजह क्या?

रबी फसल के लिए बिहार को 2 लाख 30 हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, जबकि केंद्र से 1 लाख 49 हजार 800 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराई गई, यानी जरूरत के विपरीत 35 फीसदी डीएपी का आवंटन किया गया. वहीं राज्य को यूरिया की 4 लाख 35 हजार मीट्रिक टन की आवश्यकता थी. केंद्र सरकार ने 3 लाख 27 हजार 240 मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन किया. बिहार को कुल मांग का 79 प्रतिशत हिस्सा मिल सका है. इसी तरह को राज्य को एनपीके 1 लाख 5 हजार मीट्रिक टन चाहिए. केंद्र की तरफ से 72 हजार 350 मीट्रिक टन एनपीके का आवंटन हुआ है. यानी केंद्र से  एनपीके का 96 फीसदी हिस्सा बिहार को मिल चुका है.

सीएम ने की केंद्र से बातचीत

बिहार में खाद की किल्लत पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा, राज्य के कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार से बात की है. कृषि मंत्री और मुख्य सचिव ने पत्र भी लिखा है. सीएम के मुताबिक, उन्होंने खुद भी केंद्रीय मंत्री से बात की है. उन्होंने भरोसा दिया है कि 7 दिनों के अंदर बिहार में खाद की पर्याप्त खेप पहुंच जाएगी. उधर, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि  राज्य में खाद की समस्या बनी हुई है, खास तौर पर डीएपी की किल्लत है. उन्होंने यह भरोसा भी दिया कि जल्दी ही यह किल्लत दूर हो जाएगी. 

 

Trending news