जानकारी के मुताबिक, दोनों योजनाएं इसी रबी मौसम से शुरू होंगी. तकनीकी ट्रेनिंग के लिए रबी मौसम में 40 हजार किसानों को एक्सपोजर विजिट भी कराया जाएगा. इन किसानों को जलवायु के अनुकूल खेती के तहत चल रही योजनाओं को फील्ड में ले जाकर दिखाया जाएगा.
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पटनाः राज्य के किसानों के लिए खुशखबरी है. राज्य के 13 जिलों में सरकार की ओर से 328 कृषि यंत्र बैंक बनाए जाएंगे. पटना और मगध प्रमंडलों में 25 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर भी बनेंगे. दोनों ही योजना में सरकार यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान देगी. लेकिन यंत्र बैंकों के लिए अधिकतम अनुदान की राशि आठ और विशेष बैंक लिए 12 लाख तय की गई है.
80 प्रतिशत अनुदान
जानकारी के मुताबिक, दोनों योजनाएं इसी रबी मौसम से शुरू होंगी. तकनीकी ट्रेनिंग के लिए रबी मौसम में 40 हजार किसानों को एक्सपोजर विजिट भी कराया जाएगा. इन किसानों को जलवायु के अनुकूल खेती के तहत चल रही योजनाओं को फील्ड में ले जाकर दिखाया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रबी महाअभियान की शुरुआत की तो कृषि विभाग ने इसके लिए बनी नई योजनाओं को सार्वजनिक कर दिया है.
इस तरह मिलेगा अनुदान
कृषि सचिव की ओर से सभी योजनाओं में पराली प्रबंधन के साथ मौसम अनुकूल खेती का समावेश करने का निर्देश दिया गया था. विभाग ने किसी भी यंत्र पर 50 प्रतिशत से अधिक अनुदान नहीं देने का फैसला किया है. लेकिन, सचिव के निर्देश पर विशेष परिस्थिति में पराली प्रबंधन से जुड़े यंत्रों पर अनुदान बढ़ाया जा सकेगा. लिहाजा, यंत्र बैंकों के लिए विभाग ने 80 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की है.
समूहों के माध्यम से यंत्र बैंक की स्थापना
यंत्र बैंक की स्थापना किसान समूहों के माध्यम से की जाएगी. जो समूह स्थापना करेंगे उन्हें आसपास के किसानों को कृषि यंत्र किराये पर देना होगा. इससे होने वाली आमदनी भी समूह की ही होगी.
नई व्यवस्था के अनुसार यंत्र बैंकों की स्थापना नवादा, कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी जैसे आकांक्षी जिलों में ही होगी. 25 विशेष हायरिंग केन्द्र पटना और मगध प्रमंडल के जिलों में ही होंगे. मगध प्रमंडल के गया व नवादा जिलों में दोनों योजनाएं एक साथ चलेंगी.