हाथ में मेंहदी के चटक रंग के साथ लड़ा चुनाव, लोगों ने जीत दिलाकर दिया शादी का तोहफा
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हाथ में मेंहदी के चटक रंग के साथ लड़ा चुनाव, लोगों ने जीत दिलाकर दिया शादी का तोहफा

गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड के 31 पंचायतों में अधिकांश सीटों पर नए चेहरे को जीत मिली है. इनमें से एक नई नवेली दुल्हन भी मुखिया बनी है. कुचायकोट के बनकटा पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया नीरा कुमारी की शादी चुनाव के दौरान ही हुई थी. हाथ की मेंहदी के चटक रंग फीके भी नहीं पडे़ थे, कि उन्होंने मुखिया पद के लिए नामांकन भरा और लोगों ने भी उन्हें जीता कर शादी का तोहफा दे दिया.

 

लोगों ने जीत दिलाकर दिया शादी का तोहफा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Gopalganj: बिहार में ऐसे तो पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav) 11 चरणों में हो रहे हैं, लेकिन चरणवार मतगणना का काम भी जारी है. ऐसे में सातवें चरण के चुनाव में मतदान के बाद अधिकांश परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. इस चुनाव में मतदाता मुखिया पद के लिए नए चेहरे को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, यही कारण है कि अधिकांश पुराने मुखिया चुनाव हार रहे हैं.

अधिकांश सीटों पर नए चेहरे को जीत
गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड के 31 पंचायतों में अधिकांश सीटों पर नए चेहरे को जीत मिली है. इनमें से एक नई नवेली दुल्हन भी मुखिया बनी है. कुचायकोट के बनकटा पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया नीरा कुमारी की शादी चुनाव के दौरान ही हुई थी. हाथ की मेंहदी के चटक रंग फीके भी नहीं पडे़ थे, कि उन्होंने मुखिया पद के लिए नामांकन भरा और लोगों ने भी उन्हें जीता कर शादी का तोहफा दे दिया.

नहीं हारी हिम्मत 
ग्रामीणों के मुताबिक, गोपालगंज के चौकीदार-दफादार पंचायत संघ के जिलाध्यक्ष दीनानाथ मांझी ने उत्तर प्रदेश की रहने वाली अपनी पत्नी रामसवारी देवी को पंचायत चुनाव में प्रत्याशी बनाने की योजना बनाई थी. इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली की चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. इस नियम के संज्ञान में आने के बाद उनके सपने टूटते नजर आए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.

दीनानाथ अपने परिजनों को पंचायत चुनाव लड़ने के दृढ़संकल्पित थे. यही कारण है कि उन्होंने तत्काल अपनी पत्नी के बदले अपने पुत्र अरूण मांझी की शादी करने की योजना बनाई और उसकी पत्नी को प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया.

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पुत्रवधू बनते ही मुखिया पद के लिए नामांकन 
गांव के लोग बताते हैं कि मांझी ने तत्काल उचकागांव प्रखंड के भुवला में एक दूर के रिश्तेदार के यहां अपने पुत्र अरूण की शादी तय कर दी और 23 अक्टूबर को स्थानीय एक मंदिर में अरूण और नीरा परिणय सूत्र में बंध गए. नीरा के पुत्रवधू बनते ही उन्होंने मुखिया पद के लिए इसका नामांकन दर्ज करवा दिया.

मिला शादी का बेशकीमती तोहफा 
नीरा स्वयं बताती हैं कि उनकी शादी बिना लग्न और ढ़ोल-शहनाई की हुई. मंदिर में शादी हुई और चुनाव मैदान में उतर गई. हालांकि, उनको सुकून है कि यहां के लोगों ने उन्हें निराश नहीं किया और जिम्मेदारी के साथ शादी का बेशकीमती तोहफा दे दिया.

'नहीं तोडेगी भरोसा'
बनकटा पंचायत की जनता ने नीरा पर भरोसा जताया और मुखिया चुन लिया. चुनाव में विजयी होने के बाद नीरा भी कहती है कि यहां के लोगों का भरोसा कभी नहीं तोडेगी.

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युवा के हाथ में विकास की कमान
ग्रामीण भी उनकी जीत से उत्साहित हैं. ग्रामीण संतोष मिश्र कहते हैं कि दीनानाथ मांझी ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में लगा दिया. पंचायत की जनता ने उन्हें तोहफा दिया है. उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि नीरा को पंचायत की कमान मिलने से विकास को नई गति मिलने की संभावना है. बनकटा की जनता ने युवा के हाथ में विकास की कमान सौंपी है.

2356 वोट के साथ बनी मुखिया 
उल्लेखनीय है कि कुचायकोट प्रखंड में 15 नवंबर को मतदान हुआ. बुधवार को थावे स्थित डायट भवन में वोटों की गिनती हुई, जिसमें नीरा कुमारी को कुल 2356 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंदी प्रत्याशी रहीं कलिदया देवी को महज 588 वोट से ही संतोष करना पड़ा.

(इनपुट- आईएएनएस)

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