जिनका वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में जन्म हुआ है, उन्हें खास तौर पर इस चंद्रग्रहण में सावधानी बरतनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव (Sun) को कृतिका नक्षत्र का स्वामी कहा गया है. इसलिए सूर्य से संबंधित राशि वाले लोगों को भी इस चंद्रग्रहण के दौरान विशेष सतर्कता बरतनी होगी.
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Patna: वर्ष 2021 का आखिरी चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) आज कार्तिक पूर्णिमा, यानी 19 नवंबर 2021 को लगेगा. यह चंद्रग्रहण आंशिक होगा और यदि मौसम साफ रहा तो बिहार (Bihar) में पटना (Patna) सहित विभिन्न हिस्सों में इस खगोलीय नजारा को देख सकेंगे. ज्योतिष गणना के मुताबिक, चंद्रग्रहण वृषभ राशि में लगने जा रहा है. इस दिन कृतिका नक्षत्र रहेगा.
इन्हें बरतनी होगी सावधानी
जिनका वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में जन्म हुआ है, उन्हें खास तौर पर इस चंद्रग्रहण में सावधानी बरतनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव (Sun) को कृतिका नक्षत्र का स्वामी कहा गया है. इसलिए सूर्य से संबंधित राशि वाले लोगों को भी इस चंद्रग्रहण के दौरान विशेष सतर्कता बरतनी होगी.
गंगा स्नान का महत्व
बता दें कि कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि को इस बार खंडग्रस्तोदित चंद्रग्रहण लग रहा है, जिसे ज्योतिष में अशुभ माना जाता है. हालांकि, खंडग्रस्तोदित होने के कारण इसका कोई विशेष धार्मिक महत्व नहीं होगा. वृष राशि और कृत्तिका नक्षत्र में होने से चंद्रग्रहण का अधिक प्रभाव इसी राशि और नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर पड़ेगा. ज्योतिष शास्त्र और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण में गंगा स्नान (Ganga Snan) से एक हजार वाजस्नेय यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. इस कारण से ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और घरों में इसका छिड़काव होता है.
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सामान्य दिनों की तरह कर सकते हैं कार्य
वहीं, भारतीय ज्योतिष के अनुसार, उपछाया ग्रहण का सूतक नहीं लगता है. इसका अर्थ है कि ग्रहण काल में आप सामान्य दिनों की तरह ही अपने कार्य कर सकते हैं.
पटना, नालंदा, बेगूसराय, भागलपुर में ये है ग्रहण का समय
मीडिया रिपोर्ट्स और विभिन्न ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष का दूसरा चंद्रग्रहण दोपहर 12:48 बजे से शुरू होकर शाम 04:17 बजे समाप्त हो जाएगा. पटना, नालंदा, बेगूसराय, भागलपुर में चंद्रग्रहण दोपहर 12:48 बजे से शुरू होकर शाम 04:17 बजे खत्म होगा. ग्रहण का मध्य दिन दोपहर 02:33 बजे होगा. बता दें कि चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले ही प्रारंभ हो जाता है. चंद्रग्रहण में सफेद फूल और चंदन से चंद्रमा और भगवान शिव की आराधना करने और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ माना गया है.