जहरीली शराब से उजड़ गए कई परिवार, थाना प्रभारी-चौकीदार से आगे नहीं बढ़ रही कार्रवाई
ऐसा नहीं है की राज्य में शराबबंदी को लेकर पुलिस या सरकार कोई कोताही बरत रही हो, लेकिन फिर भी प्रतिदिन कहीं न कहीं से शराब बरामदगी की खबरे आती रहती हैं. ऐसे में जब कोई बड़ी घटना घटती है तो इसकी गाज छोटे अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर ही गिरती है.
Patna: बिहार में ऐसे कहने को तो शराबबंदी है और किसी भी प्रकार की शराब पीने और उसकी बिक्री पर प्रतिबंध है, लेकिन पिछले एक पखवारे में पर्व और त्योहार के इस मौसम में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. यह आंकडा अभी और बड़ा हो सकता है. इन मामलों में संबंधित थाना प्रभारियों और चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है.
बड़े अधिकारियों को क्लीन चिट कैसे दी जा सकती है?
ऐसा नहीं है की राज्य में शराबबंदी को लेकर पुलिस या सरकार कोई कोताही बरत रही हो, लेकिन फिर भी प्रतिदिन कहीं न कहीं से शराब बरामदगी की खबरे आती रहती हैं. ऐसे में जब कोई बड़ी घटना घटती है तो इसकी गाज छोटे अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर ही गिरती है. अब सवाल उठ रहा है कि अगर छोटे अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं तो फिर बड़े अधिकारियों को क्लीन चिट कैसे दी जा सकती है?
गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत
बिहार के गोपालगंज जिले के महम्मदपुर थाना क्षेत्र में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कम से कम 11 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने महम्मदपुर थाना प्रभारी शशि रंजन कुमार और चौकीदार रंजीत राय को निलंबित कर दिया.
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पश्चिम चंपारण में 14 लोगों ने गंवाई जान
अभी गोपालगंज में जहरीली शराब से लोगों की मौत होने का सिलसिला थमा ही नहीं था कि पश्चिम चंपारण में भी जहरीली शराब का तांडव प्रारंभ हुआ है. नौतन थाना क्षेत्र में कम से कम 14 लोगों की कथित जहरीली शराब पीने से मौत हो गई.
छठ पूजा के बाद होगी शराबबंदी की समीक्षा
इन घटनाओं के बाद बिहार सरकार (Bihar Government) भी सजग हुई और आनन-फानन में पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि छठ पूजा के बाद शराबबंदी की समीक्षा की जाएगी. इधर, पश्चिम चंपारण के नौतन थाना प्रभारी मनीष कुमार और चौकीदार को निलंबित कर दिया गया.
इससे पूर्व 28 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर के सरैया में भी कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कम से कम सात लोगों की मौत के मामले में भी थाना प्रभारी रविंद्र यादव और प्रभारी थाना प्रभारी मोहम्मद कलामुद्दीन पर गाज गिरी और इन्हें निलंबित कर दिया गया.
'छोटे अधिकारी बन रहे बलि का बकरा'
अब कहा जा रहा है कि आखिर इन छोटे अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को बलि का बकरा बनाकर सरकार इस शराबबंदी को लेकर क्या संदेश देना चाहती है.
ऐसा नहीं है कि शराबबंदी के बाद केवल इसी पखवारे में ऐसे मामले हैं. इससे पहले भी पश्चिम चंपारण और गोपालगंज जिले में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. उसमें भी कार्रवाई के नाम पर छोटे अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई थी.
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'इस मामले में सरकार भी दोषी'
बिहार कांग्रेस (Congress) के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ कहते हैं कि इन मौतों के जिम्मेदार केवल चौकीदार और थानेदार ही कैसे हो सकते हैं, जबकि सरकार अपनी हठधर्मिता में बराबर दोषी है.
उन्होंने कहा कि सरकार भी इस मामले में दोषी है, केवल पुलिस के अधिकारियों को निलंबित करके सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकती.
'दोषियों पर होगी कार्रवाई'
इधर, बिहार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार कहते हैं कि फिलहाल जहरीली शराब से मौत की आशंका है. बिसरा रिपोर्ट जांच के बाद पुष्टि की जाएगी. उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करने का परिणाम अच्छा नहीं होता है. अभियान चलाकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट- आईएएनएस)