Bihar: बक्सर के नंदन ने हिमालय के कलानाग पर्वत पर पाई फतह, 25 मई को करेंगे मिनी एवरेस्ट की चढ़ाई
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Bihar: बक्सर के नंदन ने हिमालय के कलानाग पर्वत पर पाई फतह, 25 मई को करेंगे मिनी एवरेस्ट की चढ़ाई

बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के सरेंजा गांव निवासी सिंचाई विभाग में कार्यरत अमरनाथ चौबे के पुत्र नंदन चौबे ने हिमालय के कलानाग पर्वत पर सफलतापूर्वक पहुंचने का रिकार्ड बनाया है. यह सफलता पाकर उन्होंने न सिर्फ बक्सर जिले बल्कि प्रदेश का भी नाम रोशन किया है. उन्होंने यह कारनामा 10 दिनों की लंबी और कठिन चढ़ाई के बाद कर दिखाया है. 

Bihar: बक्सर के नंदन ने हिमालय के कलानाग पर्वत पर पाई फतह, 25 मई को करेंगे मिनी एवरेस्ट की चढ़ाई

पटनाः बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के सरेंजा गांव निवासी सिंचाई विभाग में कार्यरत अमरनाथ चौबे के पुत्र नंदन चौबे ने हिमालय के कलानाग पर्वत पर सफलतापूर्वक पहुंचने का रिकार्ड बनाया है. यह सफलता पाकर उन्होंने न सिर्फ बक्सर जिले बल्कि प्रदेश का भी नाम रोशन किया है. उन्होंने यह कारनामा 10 दिनों की लंबी और कठिन चढ़ाई के बाद कर दिखाया है. कलानाग पर्वत हिमालय पर्वत श्रृंखला में शामिल पर्वत की चोटी है जो कि उत्तराखंड में स्थित है. इसकी चढ़ाई उन्होंने अपने चार अन्य मित्रों के साथ शुरू की और अंतत: सफलता प्राप्त की. नंदन चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और पर्वतारोही हैं. उन्होंने 6 हजार 387 मीटर ऊंची चोटी पर सफलता पूर्वक चढ़ाई की और भारतीय ध्वज फहरा दिया. 

पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी
नंदन ने अपने अनुभव के बारे में जी मीडिया को बताया कि उनकी चढ़ाई काफी कठिन रही, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि वह इसे अवश्य पूरा कर लेंगे. इसी उम्मीद पर वह आगे बढ़ते गए और अंतत: उन्होंने चढ़ाई पूरी की. जानकारी के मुताबिक कलानाग पर्वत या काली चोटी, सरस्वती (बंदरपंच) पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी है. इसके आसपास के क्षेत्र सरस्वती देवी पर्वत (6316 मीटर) और हनुमान पर्वत (6102 मीटर) है. कलानाग या काली चोटी पर्वत का शाब्दिक अर्थ ब्लैक कोबरा है. यह रूइनसारा घाटी के करीब है. इस चोटी पर पहली बार 1955 में जैक गिब्सन और दून स्कूल, देहरादून के छात्रों ने फतह पाई थी.

25 मई को करेंगे मिली एवरेस्ट की चढ़ाई 
आगामी 25 मई को नंदन मिनी एवरेस्ट के लिए चढ़ाई पर जानेवाले है, जो उत्तराखंड में है. उससे पहले नंदन ने जी मीडिया को बताया कि उनका लक्ष्य एवरेस्ट चोटी है. वह हर संभव इस चढ़ाई को भी पूरा करेंगे. उन्होंने बताया कि पहली बार में उन्होंने कलानाग की सफलता पाई है. इसके बाद मिनी एवरेस्ट पर चढ़ाई करने जा रहे हैं. उसके बाद माउंट एवरेस्ट चोटी की चढ़ाई करेंगे. नंदन ने बताया कि माउंट एवरेस्ट पर फतह पाना उनका सपना है. जिसको पूरा करने के लिए वह तैयारी में लगे हुए हैं और हर हाल में वह अपने इस सपने को पूरा करेंगे. ताकि देश और बिहार का नाम रोशन कर सकें. 

नंदन ने आगे बताया कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए वह मन बना चुके हैं और उसके लिए वह पूरी तरह से तैयार है. लेकिन उनके सामने फंड की समस्या काफी गंभीर है. क्योंकि माउंट एवरेस्ट पर फतह पाने के लिए लगभग 30 से 35 लाख रुपए का खर्च आएगा. जिसके लिए वह जनता और सरकार से मदद की भी गुहार लगा रहे हैं. 

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