बिहार के कानून मंत्री बोले- मौलवियों को वेतन मिलता है तो मंदिर के पुजारियों को क्यों नहीं?
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बिहार के कानून मंत्री बोले- मौलवियों को वेतन मिलता है तो मंदिर के पुजारियों को क्यों नहीं?

धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर को लेकर हो रही बयानबाजी के बीच गुरुवार को बिहार के एक मंत्री ने पंजीकृत मंदिरों, मठों के पुजारियों को वेतन या मानदेय देने की मांग की है.

 (फाइल फोटो)

Patna: धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर को लेकर हो रही बयानबाजी के बीच गुरुवार को बिहार के एक मंत्री ने पंजीकृत मंदिरों, मठों के पुजारियों को वेतन या मानदेय देने की मांग की है. राज्य के कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड में करीब चार हजार मंदिर निबंधित हैं और इतने ही प्रक्रियाधीन हैं. इनके पुजारियों को सरकार के तरफ से तो मानदेय देने की व्यवस्था नहीं है.

'मिलना चाहिए वेतन; 
उन्होंने कहा कि इन्हें वेतन या मानदेय दिया जाना चाहिए. इसके अलावा किसी भी निबंधित मंदिर की कमेटी को मंदिर की आमदनी से एक निश्चित राशि मंदिर के पुजारी को देनी चाहिए. उन्होंने आगे जोड़ते हुए यह भी कहा कि संचालन समिति इसकी व्यवस्था कर, जो आमदनी होती है, उसके हिसाब से पुजारियों को वेतन देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि बिहार में बड़ी संख्या में मस्जिदों में एक व्यवस्था के तहत नमाज पढ़ाने वाले मौलवी सहित अन्य लोगों 5 हजार से लेकर 18 हजार रुपए तक प्रति माह वेतन की व्यवस्था की गई है. मंत्री ने यह भी कहा कि वे किसी का विरोध या खिलाफत नहीं कर रहे हैं बल्कि वे पुजारियों के वेतन या मानदेय के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि इनके वेतन की व्यवस्था की जानी चाहिए.

लाउडस्पीकर विवाद पर कही थी ये बात

इससे पहले लाउडस्पीकर विवाद को लेकर CM नीतीश कुमार ने  कहा था कि ये सब बकवास बात है,जिसे जैसे मन करता है वो वैसे चलता है. सबकी अपनी इच्छा है. ये सब चीजों पर कहीं कोई खतरा नहीं है. बता दें कि बिहार सरकार में मौजूद कुछ मंत्री और बीजेपी लाउडस्पीकर हटाने की बात कर रहे हैं.

(इनपुट: आईएएनएस)

 

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