बिहार में जनवरी का वक्त ऐसा होता है जब बड़े पैमाने पर नर्सरी (Nursery) क्लासेज में दाखिला होता है. बड़े और प्रतिष्ठित स्कूलों में एडमिशन के लिए अभिभावकों की लंबी लाइन लगी रहती है.
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Patna: बिहार (Bihar) में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामले के बीच नई पाबंदियां और बंदिशें लागू कर दी गई हैं. 6 जनवरी से 21 जनवरी तक के लिए ये पाबंदी लगाई गई हैं और जिससे शैक्षणिक संस्थान भी अछूते नहीं हैं. बिहार में जनवरी का वक्त ऐसा होता है जब बड़े पैमाने पर नर्सरी (Nursery) क्लासेज में दाखिला होता है. बड़े और प्रतिष्ठित स्कूलों में एडमिशन के लिए अभिभावकों की लंबी लाइन लगी रहती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नए सरकारी दिशानिर्देशों का दाखिले पर कोई असर पड़ेगा या फिर दाखिला का दंगल बिना किसी संकट के खत्म हो जाएगा?
दाखिला का होता है जनवरी का महीना
पटना (Patna) के विभिन्न स्कूलों में जनवरी (January) का महीना अमूमन दाखिला का होता है. बड़े स्कूलों में अभिभावक बच्चों के साथ दाखिले (Admission) के लिए पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंका ने सरकार को इस बात के लिए मजबूर कर दिया है कि वो पाबंदी लगाए. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सरकारी पाबंदियों का दाखिले पर भी असर पड़ेगा.
बच्चों के साथ स्कूल में पहुंच रहे हैं अभिभावक
हालांकि पटना में बड़े स्कूलों (Big schools) में दाखिले की प्रक्रिया जारी है. दीघा स्थित सेंट माइकल स्कूल में LKG में एडमिशन के लिए बच्चों और अभिभावकों को बुलाया जा रहा है. स्कूल में अभिभावक बच्चों के साथ पहुंच भी रहे हैं. अभिभावकों के मुताबिक, कोरोना गाइडलाइंस (Corona Guidelines) के साथ बच्चों से सवाल-जवाब किए गए. किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं दिखी.
सरकार के फैसले के साथ निजी स्कूल भी खडे़
वहीं कुछ स्कूलों में एलकेजी और उससे ऊपर की क्लास में दाखिले की प्रक्रिया 15 जनवरी के बाद शुरू होगी. राजवंशी नगर स्थित डीएवी स्कूल सहित दूसरे ऐसे स्कूलों ने वेबसाइट पर जानकारी दे दी है. सरकार के फैसले के साथ निजी स्कूल भी खडे़ दिखाई दे रहे हैं. दीघा स्थित डॉन बॉस्को स्कूल के डायरेक्टर अलफ्रेड जॉर्ज डे रिजारिओ ने कहा कि सरकारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा और दाखिले की प्रक्रिया भी पूरी होगी. एडमिशन फॉर्म वैसे भी ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं. इस बारे में अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है.
साल 2022 आते-आते कोरोना जितनी तेजी से फैला है उससे एक तरह का संकट खड़ा हो गया है. लेकिन इन्हीं संकटों में समाधान का भी रास्ता खोजना है. जान और जहान दोनों की चिंता सरकार को करनी है. लिहाजा ये जरूरी है कि दाखिले का काम भी न रूके और बच्चों के साथ अभिभावक भी कोरोनो की जद में नहीं आएं.
(इनपुट-प्रीतम कुमार)