गांधी मैदान और पटना रेलवे स्टेशन पर 2013 में सीरियल ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 85 लोग जख्मी हुए थे. एनआईए कोर्ट ने इस मामले के 10 में से 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि एक को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया.
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पटनाः गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में NIA की विशेष अदालत ने सजा सुना दी है. अदालत ने चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई हैं, जबकि दो को उम्र कैद की सजा दी गई है. दो अन्य दोषियों को 10 वर्ष और एक को सात साल की सजा मिली है. साल 2013 में पीएम मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए इस ब्लास्ट से देशभर में तहलका मच गया था. इस ब्लास्ट में किस आतंकी क्या भूमिका थी. डालते हैं एक नजर-
एक आरोपी हुआ बरी
गांधी मैदान और पटना रेलवे स्टेशन पर 2013 में सीरियल ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 85 लोग जख्मी हुए थे. एनआईए कोर्ट ने इस मामले के 10 में से 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि एक को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया.
20 टाइम बम लेकर पहुंचे थे आतंकी
बोधगया बम ब्लास्ट में सफल हो जाने के बाद आतंकियों ने रायपुर में पटना के गांधी मैदान में होने वाली हुंकार रैली में विस्फोट करने की योजना बनायी थी. इसके लिए टाइमर बम बनाया गया था और उसे लेकर छह आतंकी इम्तियाज, तारिक उर्फ एनुल, हैदर अली, नुमान अंसारी, मोजिबुल्लाह व एक नाबालिग 27 अक्टूबर 2013 को अल सुबह रांची से पटना पहुंचे थे. ये लोग अपने साथ 20 टाइम बम लेकर आये थे.
ऐसे किया था बम प्लांट
इम्तियाज व एनुल बम लेकर पटना जंक्शन पहुंचे और वहां प्लेटफॉर्म नंबर दस के शौचालय में प्लांट कर दिया था. इम्तियाज ने सफलतापूर्वक अपना काम कर लिया. लेकिन एनुल बम प्लांट करने में विफल रहा और बम ब्लास्ट कर गया. इसके बाद इम्तियाज ने तारिक को लेकर वहां से निकलने की कोशिश की. लेकिन पुलिस व धर्मा कुली के सहयोग से इम्तियाज को पकड़ लिया गया. एनुल को आइजीआइएमएस में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान मौत हो गयी.