Patana Metro: जानकारी के मुताबिक, नगर विकास व आवास विभाग के विशेष सचिव सतीश कुमार सिंह ने राशि आवंटन की जानकारी दी है. उन्होंने महालेखाकर को बताया कि मेट्रो के डिपो के लिए करीब 76 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.
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पटनाः Patana Metro: पटना में मेट्रो दौड़ाने की ओर राज्य सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है. सरकार ने पटना मेट्रो के जमीन अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ की राशि स्वीकृत कर ली है, साथ ही इसके खर्च की अनुमति भी दे दी है. मुआवजे के लिए स्वीकृत राशि को बिहार शहरी विकास अभिकरण (बुडा) के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया है. बुडा (BUDA) ही मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को यह राशि उपलब्ध कराएगी.
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी
जानकारी के मुताबिक, नगर विकास व आवास विभाग के विशेष सचिव सतीश कुमार सिंह ने राशि आवंटन की जानकारी दी है. उन्होंने महालेखाकर को बताया कि मेट्रो के डिपो के लिए करीब 76 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है. जमीन के इस अधिग्रहण में तकरीबन 726 करोड़ का खर्च अनुमानित है. अफसरों के अनुसार, किसानों से दावा-आपत्ति लेने के बाद अगले साल जनवरी से मुआवजा वितरण का काम शुरू होने की उम्मीद है.
60 दिनों में मांगी गई आपत्ति
जमीन का हस्तांतरण होने के बाद पटना मेट्रो के पास खुद की परिसंपत्ति होगी, जिसके आधार पर वित्तीय संस्थाओं से आसानी से लोन लिया जा सकेगा. दूसरी ओर मेट्रो के स्टेशनों के निर्माण के लिए भी कई जमीनें चिह्नित की गई हैं. इसमें से कई जमीन संस्थाओं के पास है, जिनके साथ बैठक कर अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जा रहा है.
स्टेशनों के लिए जमीन अधिग्रहण पर अलग से राशि खर्च की जाएगी. जो जमीन अधिग्रहित की जानी हैं वह पटना सिटी अंचल के रानीपुर मौजा और पहाड़ी मौजा की हैं. इसके लिए पटना जिला प्रशासन द्वारा 23 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की थी. 60 दिनों में आपत्ति मांगी गई थी. आपत्ति दर्ज कराने की अवधि अगले सप्ताह समाप्त हो जाएगी. उसके बाद भूअर्जन की कार्रवाई शुरू होगी.
रूट पर काम भी जारी
पटना मेट्रो की प्राथमिकता वाले रूट पर काम भी जारी है. मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र आईएसबीटी तक 6.6 किलोमीटर लंबे रूट पर पांच स्टेशन होंगे. मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और आईएसबीटी. यह सभी एलिवेटेड स्टेशन हैं. पटना मेट्रो पर 13 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है. इसमें 20-20 फीसदी राशि राज्य व केंद्र सरकार, जबकि 60 फीसद राशि वित्तीय संस्थानों से कर्ज के रूप में लिया जाना है. मलाही पकड़ी के पास मेट्रो का पहला पिलर भी अब खड़ा होने के कगार पर है.