भोजपुरी में जातिसूचक शब्दों को लेकर पवन सिंह की सीएम नीतीश से भावुक अपील, लोग दे रहे प्रतिक्रिया
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भोजपुरी में जातिसूचक शब्दों को लेकर पवन सिंह की सीएम नीतीश से भावुक अपील, लोग दे रहे प्रतिक्रिया

पटनाः पावर स्टार के नाम से मशहूर पवन सिंह ने बिहार सरकार से अपील की है कि बिहार की संस्कृति और अस्मिता को बचाना है तो वैसे भोजपुरी कलाकारों पर अंकुश लगाने की जरूरत है जो कहीं ना कहीं अपने गानों के माध्यम से बिहार में जातिवाद का जहर घोल रहे हैं.

(फाइल फोटो)

पटनाः पावर स्टार के नाम से मशहूर पवन सिंह ने बिहार सरकार से अपील की है कि बिहार की संस्कृति और अस्मिता को बचाना है तो वैसे भोजपुरी कलाकारों पर अंकुश लगाने की जरूरत है जो कहीं ना कहीं अपने गानों के माध्यम से बिहार में जातिवाद का जहर घोल रहे हैं. पवन सिंह की फेसबुक पोस्ट के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. ज्यादातर लोग पवन सिंह की इस पोस्ट की तारीफ कर रहे हैं और समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग सवाल भी उठा रहे हैं कि जातिवाद वाले गाने तो आप भी गाते हैं.

भोजपुरी के पावर स्टार के नाम से विख्यात पवन सिंह ने बिहार सरकार से खास तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बेहद गंभीर अपील की है. अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से पवन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कानून बनाने की बात कही है. जिसके जरिए भोजपुरी गानों में जिस तरह से जातिवादिता का असर हो रहा है. जातिवादी गाने बन रहे हैं उन पर अंकुश लग सके. दरअसल पवन सिंह ने अपील करते हुए कहा कि बिहार की संस्कृति में भोजपुरी भाषा का बहुत बड़ा महत्व है. बिहार की पहचान भोजपुरी भाषा है और जिस तरह से हालिया दिनों में भोजपुरी गानों में जातिवादीता का असर देखने को मिल रहा है यह आने वाले समय के लिए शुभ संकेत नहीं है. लिहाजा इस पर सख्ती बरतने की जरूरत है और कैबिनेट इस पर कोई कड़ा कानून बनाए ताकि इस तरह के गाने रिलीज ना हो और समाज में कोई विद्वेष पैदा ना हो.

इस मामले को लेकर सूत्रों का कहना है कि दरअसल इस पोस्ट के माध्यम से पवन सिंह ने सरकार से अपील तो की है लेकिन कहीं ना कहीं इस पोस्ट के जरिए उन्होंने सुपरस्टार खेसारी लाल यादव पर निशाना साधा है, क्योंकि अक्सर पवन सिंह और खेसारी लाल यादव विवाद सुर्खियां बटोरती है और पवन सिंह हमेशा खेसारी लाल यादव पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जातिवाद फैलाने का आरोप लगाते रहते हैं. अभी कुछ दिन पहले ही पवन सिंह ने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान खेसारी लाल यादव पर जमकर कटाक्ष किया था, जिसका खेसारी लाल यादव ने भी पुरजोर विरोध किया था. जहां उनके विरोध में भी जाति का फैक्टर देखा गया.

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पवन सिंह भले ही आज भोजपुरी गीतों को लेकर सवाल उठाने लगे हैं लेकिन जो सवाल आज पवन सिंह उठा रहे हैं उसको लेकर खुद उनके ऊपर भी सवाल हैं. क्योंकि कई गाने ऐसे हैं जहां पवन सिंह ने खुलेआम जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया है. बबुआन,राजपूतान जैसे गानों के माध्यम से पवन सिंह ने जातिवाद को बढ़ावा दिया है. वहीं खेसारी लाल यादव भी ट्रेंडिंग स्टार हैं और उनके गानों में भी यादवों का जिक्र होता है. जब दो बड़े स्टार जाति के आधार पर गाने गाते हैं और उसके व्यू मिलियन में जाते हैं तो बाद वाली पीढ़ी भी बिना सोचे समझे जाति के इस खेल में उलझ जाती है. कहीं ना कहीं इसकी वजह से समाज में विद्वेष फैल रहा है और एक बार फिर से बिहार की किरकिरी हो रही है. (रिपोर्ट-रीतेश मिश्रा)

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