शारीरिक कमजोरी ने दिया मुस्कान को डॉक्टर बनने का हौसला, कहा- खुद ही सही करुंगी अपने पैर
Advertisement

शारीरिक कमजोरी ने दिया मुस्कान को डॉक्टर बनने का हौसला, कहा- खुद ही सही करुंगी अपने पैर

बिहार के जमुई की दिव्यांग बच्ची मुस्कान के हौसलों को देख आप भी हैरान रह जाएंगे. मुस्कान कक्षा आठवीं की छात्रा है. उसके दोनों पैरों में तो जान नहीं है लेकिन उसके हौसलों में काफी जान है. मुस्कान डॉक्टर बनना चाहती है. वो कहती है कि डॉक्टर बनकर वह अपने दोनों पैर खुद ही ठीक कर लेगी.

शारीरिक कमजोरी ने दिया मुस्कान को डॉक्टर बनने का हौसला, कहा- खुद ही सही करुंगी अपने पैर

पटनाः अगर आपके अंदर हौसला है और कुछ कर गुजरने की  ललक है, तो फिर समझिए कि आपका आधा काम यहीं से आसान हो जाता है. बिहार के जमुई की दिव्यांग बच्ची मुस्कान के हौसलों को देख आप भी हैरान रह जाएंगे. मुस्कान कक्षा आठवीं की छात्रा है. उसके दोनों पैरों में तो जान नहीं है लेकिन उसके हौसलों में काफी जान है. मुस्कान डॉक्टर बनना चाहती है. वो कहती है कि डॉक्टर बनकर वह अपने दोनों पैर खुद ही ठीक कर लेगी. मुस्कान की पढ़ने की ललक के आगे दिव्यांगता हार गई है. 

मां गोद में उठाकर पहुंचाती है स्कूल 
जानकारी के मुताबिक अभी मुस्कान की मां उसे रोज गोद में उठाकर आधा किलोमीटर दूर स्कूल पहुंचाती है. मुस्कान गांव के समीप न्यू संत जेवियर हाई स्कूल में पढ़ती है. स्कूल के संचालक मुस्कान की लगन और मेहनत को देख कर इन्हें निःशुल्क शिक्षा दे रहे है. ताकि मुस्कान पढ़ सके. मुस्कान के पिता प्रदीप वर्मा मजदूरी करते हैं. उन्हें मजदूरी के 300 रुपये रोज मिलते हैं. कभी काम मिलता है, तो कभी नहीं भी मिलता है. 

लेना चाहती है ई ट्राई साइकिल
मुस्कान के पिता भी मुस्कान के सपनों को पूरा करने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं. मुस्कान को 400 रुपया हर माह दिव्यांगता पेंशन मिलती है. मुस्कान ई ट्राई साइकिल लेना चाहती है. लेकिन पैसे नहीं है. वहीं मुस्कान की मां रूबी देवी ने बताया कि वह बचपन से ही दोनों पैरों से दिव्यांग है. 3 वर्ष की उम्र में उसका ऑपरेशन राजस्थान के नारायण सेवा संस्थान में कराया गया था. दोनों पैरों में 20 जगह ऑपरेशन हुए. लेकिन कामयाबी नहीं मिली, स्थिति और खराब हो गई. 

करना चाहती है अपना सपना पूरा 
मुस्कान की मां ने आगे बताया कि मुस्कान को अस्पताल से एक ट्राई साइकिल मिली थी जो अब टूट चुकी है. इस कारण वह उसे रोज गोद में उठाकर स्कूल ले जाती है और वहां से लाती है. वहीं मुस्कान के माता-पिता और गांव के समाजसेवी डॉ धर्मेंद्र सिन्हा ने सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियो से मांग की है कि मुस्कान के लिए एक ई ट्राय साईकल अविलंब मुहैया कराई जाए. जिससे मुस्कान की पढ़ाई बाधित ना हो और वो अपना सपना पूरा कर सकें. 

यह भी पढ़े- Bihar: सीमा का हौसला देख करेंगे सलाम, पढ़ने का ऐसा जुनून कि एक पैर से नापती है घर से स्कूल की दूरी

Trending news