Purnia News: पूर्णिया जिला के सदर थाना क्षेत्र के खुकसीबाग इलाके में अवैध रूप से चल रहे मखाना उद्योग से बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने के लिए बीबीए टीम स्थानीय पुलिस के साथ पहुंची थी. टीम के सदस्य यह देखकर हैरान रह गए कि यहां बाल श्रम करते हुए 50 से अधिक बच्चे पाए गए.
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Purnia: बिहार में एक बार फिर से बालश्रम में लगे बच्चों को छुड़ाने को लिए बचपन बचाओ आंदोलन (Bachpan Bachao Andolan) नाम की संस्था आगे आई है. इस संस्था ने पहले भी प्रदेश के अलग-अलग जगहों से बच्चों को मुक्त कराने का काम किया है. इस बार प्राप्त सूचना के आधार पर संस्था ने बृहस्पतिवार को पूर्णिया जिले से बच्चों को मुक्त कराया है.
जानकारी के अनुसार, पूर्णिया जिला के सदर थाना क्षेत्र के खुकसीबाग इलाके में अवैध रूप से चल रहे मखाना उद्योग से बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने के लिए बीबीए टीम स्थानीय पुलिस के साथ पहुंची थी. टीम के सदस्य यह देखकर हैरान रह गए कि यहां बाल श्रम करते हुए 50 से अधिक बच्चे पाए गए जिसमें 12 बच्चियों से भी मखाना फोरी करने का कार्य करवाया जा रहा था.
इसके बाद बचपन बचाओ संस्था ने सभी बच्चों को यहां से मुक्त कराया है. तस्करों के हाथ से मुक्त होने के बाद सभी बच्चों के चेहरे पर उत्साह था. पुलिस और संगठन की टीम को देखकर बच्चे स्वयं एक-एक कर टीम के सदस्यों के पास जाने लगे.
बीबीए टीम का तस्करों ने किया विरोध
इसके बाद सभी बच्चे को बीबीए की टीम ने गाड़ी में बिठाया और आगे की कार्रवाई हेतु टीम के सदस्य अपने साथ सभी बच्चों को ले गए. हालांकि, बाल श्रम करवाने वाले तस्करों ने इसका विरोध करते हुए टीम के सदस्यों पर हमला भी किया.
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बच्चों से मारपीट कर रहे थे तस्कर
बता दें कि बीबीए संगठन को कुछ बच्चों के परिजन द्वारा लिखित शिकायत दी गई थी कि उनके बच्चों को बहला-फुसलाकर कार्य हेतु ले आया गया है. अभिभावकों ने कहा था कि तस्कर बच्चों के साथ मारपीट और अत्यधिक समय तक कार्य करवाते हैं.
बीबीए टीम कार्रवाई के लिए पूर्णिया से पहुंची दिल्ली
बच्चों के परिजन पहले भी अपने बच्चों को वापस लेने के लिए आए थे लेकिन उनके बच्चों को वहां से बाहर नहीं आने दिया जा रहा था और पूछने पर मालिक द्वारा सही जानकारी नहीं दी जा रही थी. इसके बाद बीबीए संगठन के निदेशक मनीष शर्मा संज्ञान लेते हुए स्वयं अपने नेतृत्व में पूरी टीम के साथ बच्चों को मुक्त करवाने के लिए केंद्रीय कार्यालय दिल्ली से पूर्णिया पहुंच कर स्थानीय थाना के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.
इस दौरान नशे में मगन तस्करों के द्वारा टीम पर हमला की गई और रेस्क्यू टीम को बच्चों की किडनी निकालने वाला का अफवाह फैला कर हमला करवाया. हालांकि, पुलिसकर्मी एवं निदेशक मनीष शर्मा के कुशल नेतृत्व से पूरी टीम सुरक्षित वहां से बाहर निकल पाई और घटना को अंजाम देने वाला एक तस्कर को भी गिरफ्तार करने में पुलिस सफल रही.