बाघों को बचाना है: बेतिया से निकली 'रैली ऑन व्हील्स', लोगों को करेगी जागरुक
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बाघों को बचाना है: बेतिया से निकली 'रैली ऑन व्हील्स', लोगों को करेगी जागरुक

रैली बिहार और झारखंड के कई जिलों से गुजरेगी और इस दौरान अलग-अलग जिलों के चयनित स्कूलों में नई पीढ़ी को भी जल-जंगल और पर्यावरण के साथ बाघों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाएगा. 

बाघों को बचाने के लिए निकाली गई रैली. (फाइल फोटो)

Bettiah: वन विभाग के मुख्यालय से 'रैली ऑन व्हील्स' निकाली गई. इसे बिहार बीजेपी के अध्यक्ष और स्थानीय सांसद डॉ. संजय जायसवाल (BJP MP Sanjay Jaiswal) ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) से यह रैली झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व तक जाएगी. आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में 'रैली ऑन व्हील्स' निकाली गई है, इसका मकसद बाघों और पर्यावरण संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करना है. 

  1. पलामू टाइगर रिजर्व में होगा रैली का समापन  
  2. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 51 हुई बाघों की संख्या

गांधी जयंती पर होगा रैली का समापन
रैली बिहार और झारखंड के कई जिलों से गुजरेगी और इस दौरान अलग-अलग जिलों के चयनित स्कूलों में नई पीढ़ी को भी जल-जंगल और पर्यावरण के साथ बाघों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाएगा. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के निदेशक सह मुख्य वन संरक्षक हेमकांत रॉय के मुताबिक, 'यह रैली मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, अरवल, औरंगाबाद से होकर गुजरेगी और हरिहरगंज के रास्ते झारखंड में प्रवेश करेगी. दो अक्तूबर को गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) पर पलामू टाइगर रिजर्व में रैली का समापन होगा.'

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1973 में हुई थी 'टाइगर प्रोजेक्ट' की शुरुआत
दरअसल, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 51 हो चुकी है और अगले वर्ष की गणना में इसकी संख्या 65 तक पहुंचने का अनुमान है. बाघों की संख्या के आधार पर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) को देश के शीर्ष 5 रिजर्व में शामिल होने का गौरव हासिल है. 1973 में देश के 9 टाइगर रिजर्व से 'टाइगर प्रोजेक्ट' की शुरुआत हुई थी, आज देश में 51 टाइगर रिजर्व हैं.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के निदेशक सह मुख्य वन संरक्षक हेमकांत रॉय का कहना है, एक बाघ को बचाने का मतलब है, हम पूरे ईको सिस्टम (Eco-system) को बचा रहे हैं. इससे जल-जंगल, वन्य जीवों और जैव विविधता का भी संरक्षण होता है. इसके बदले में हमें स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु मिलती है और पर्यावरण की सुरक्षा भी प्राप्त होती है, जो हमारे लिए बेहद आवश्यक है.  

(इनपुट-इमरान अज़ीज)

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