बिहार से अब बाहर नहीं जाएगा बालू, सरकार ने लिया बैरियर लगाने का फैसला
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बिहार से अब बाहर नहीं जाएगा बालू, सरकार ने लिया बैरियर लगाने का फैसला

बिहार सरकार (Bihar Government) इस सीजन में राज्य से दूसरे राज्यों में बालू की कालाबाजारी को रोकने के लिए अपनी कमर कस चुकी है. इसी कड़ी में बिहार राज्य खनन विकास निगम (Bihar State Mining Development Corporation) इसे रोकने के लिए प्रदेश की सीमा पर चेकपोस्ट या बैरियर लगाने की तैयारी में हैं. 

बिहार से अब बाहर नहीं जाएगा बालू (फाइल फोटो)

Patna:बिहार सरकार (Bihar Government) इस सीजन में राज्य से दूसरे राज्यों में बालू की कालाबाजारी को रोकने के लिए अपनी कमर कस चुकी है. इसी कड़ी में बिहार राज्य खनन विकास निगम (Bihar State Mining Development Corporation) इसे रोकने के लिए प्रदेश की सीमा पर चेकपोस्ट या बैरियर लगाने की तैयारी में हैं. 

सरकार इस बार इस पर किसी भी तरह की छूट देने के लिए तैयार नहीं हैं. इसी को लेकर सरकार ने योजना बनाई है. इस योजना में ठेकेदारों द्वारा निकाले गए बालू का कारोबार निगम के ही नियंत्रण में रहेया. 

इसके अलावा निगम की योजना बालू के अवैध खनन की आशंका वाले इलाके में भी खनिज विकास निगम की योजना चेकपोस्ट, बैरियर या धर्मकांटा लगाने की है. खास इलाकों में धर्मकांटा लगाकर भी खनिज विकास निगम ओवरलोडिंग की समस्या से छुटकारा पाया जाएगा, जिससे बालू के ट्रांजिट चालान पर अधिक बालू ढोकर उसे ब्लैक मार्केट में बेचने की स्थिति पर भी काबू पाया जा सकेगा. निगम की ओर से बालू की टेंडर प्रक्रिया के समापन के बाद खनन शुरू होने के बाद के लिए ऐसी तैयारी की योजना बनाई जा रही है. 

खनन को लेकर भी बदले नियम 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court)के निर्देश के बाद आठ जिलों में बालू घाटों से खनन के लिए नए ठीकेदारों की चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसमें खनिज नियमावली-2019 के प्रविधानों के तहत अधिकतम दो सौ हेक्टेयर या ज्यादा से ज्यादा दो बालू घाटों का ठीका मिलेगा. इसके अलावा खनिज विकास निगम ने नए ठीकेदारों के लिए जीपीएस लगी नावों की शर्त भी शामिल की गई है. 

 

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