बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मामले पर एक बार फिर शुरू हुआ संग्राम
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला एक बार फिर तुल पकड़ने लगा है.
Trending Photos

पटनाः Bihar special status: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला एक बार फिर तुल पकड़ने लगा है. राजद के नेता पहले ही नीतीश सरकार पर इस मामले को लेकर हमलावर हैं और इस बात को लेकर भी तंज कसते रहे हैं कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राजग सरकार भाजपा के दबाब में इस मुद्दे को केंद्र सरकार के सामने उठा ही नहीं पा रही है और ना ही इस मुद्दे पर कोई नीतीश सरकार कोई ठोस निर्णय लेने में सक्षम है.
ऐसे में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मामले पर एक बार फिर से जेडीयू के तेवर गर्म हैं. विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर जानकार संतोष सिंह बताते हैं कि बिहार के लिए यह मांग कोई नया नहीं है. समय समय पर और लगातार हर मौके पर यह मांग उठती रही है.
ऐसे में अगर आप बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग की बात करें तो यह पहली बार उठाई गई जब बिहार का बंटवारा हुआ और जारखंड अलग हुआ. बिहार को तब बीमारू राज्य कहकर बुलाया जाने लगा. बिहार का प्राकृतिक संसाधन संपन्न हिस्सा झारखंड के हिस्से में चला गया और शेष बिहार संसाधन विहीन हो गया.
ये भी पढ़ें- जीतन राम मांझी ने दिया 'भगवान राम' पर विवादित बयान, शुरू हुआ सियासी घमासान
उस समय बिहार की तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी. केंद्र में तब बीजेपी की सरकार थी और बिहार में राजद की. अटल सरकार ने बिहार को 1000 करोड़ रुपये का विशेष पैकज भी दिया था. इसके बाद बिहार की सत्ता पर जदयू काबिज हो गई. सत्ता पर काबिज होने के बाद जदयू ने भी इसे जोर-शोर से उठाया और बिहार के विकास को सुनिश्चित करने के लिए विशेष दर्जा देने की मांग की.
2007 में कांग्रेस ने विशेष सहायता पैकेज दिया लेकिन यह मुद्दा तब और गर्म हुआ जब 2014 में लोकसभा चुनाव के पहले जदयू NDA से अलग हो गई. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे को लेकर के बिहार विधानसभा और विदान परिषद से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर दो बार केंद्र को भेजी गई. इसके पहले 2014 ही में जदयू ने सूबे भर में हस्ताक्षर अभियान चलाकर हस्ताक्षर पत्र को ट्रकों में भरकर राष्ट्रपति के पास पहुंचाया. बात यदि बीजेपी के विरोध की करें तो वर्ष 2020 के चुनाव में जब जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई तब से बीजेपी ने इस मुद्दे पर अपना मुखर स्वर सामने लाया. इसके पहले बीजेपी ने भी कभी इसका विरोध नहीं किया था. अब एक बार फिर से जदयू इस मामले पर मुखर होकर बोलने लगी है.
More Stories