नीति आयोग पर 'भड़के' सुशील मोदी, कहा-बेबुनियाद है बिहार को पीछे बताने वाली रिपोर्ट
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नीति आयोग पर 'भड़के' सुशील मोदी, कहा-बेबुनियाद है बिहार को पीछे बताने वाली रिपोर्ट

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने रविवार शाम को दावा किया कि आयोग संबंधित राज्य सरकारों से परामर्श किए बिना रिपोर्ट तैयार करता है. इसलिए यह जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं है.

नीति आयोग पर 'भड़के' सुशील मोदी, कहा-बेबुनियाद है बिहार को पीछे बताने वाली रिपोर्ट

Patna: भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने नीति आयोग( Niti Aayog Report) की ताजा रिपोर्ट में बिहार को सभी मानकों में सबसे निचले पायदान पर रखने को चुनौती दी है.

  1. सुशील मोदी ने नीति आयोग की रिपोर्ट को दी चुनौकी
  2. बीजेपी नेता ने मूल्यांकन के तरीके पर उठाए सवाल

'राज्य सरकार से बिना सलाह लिए तैयार की गई रिपोर्ट'
अन्य कैबिनेट मंत्रियों के विचारों को प्रतिध्वनित करते हुए, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने रविवार शाम को दावा किया कि आयोग संबंधित राज्य सरकारों से परामर्श किए बिना रिपोर्ट तैयार करता है. इसलिए यह जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं है.

बीजेपी नेता ने उठाए सवाल
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के करीबी सुशील मोदी ने कहा, 'नीति आयोग ने किसी तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क के बुनियादी ढांचे से संबंधित रिपोर्ट तैयार की और बिहार को सबसे नीचे रखा. इसके अधिकारियों ने गलत चीजों का मूल्यांकन करने के लिए एक पुराने तंत्र का विकल्प चुना है. उन्हें संबंधित राज्य सरकारों से परामर्श करना चाहिए और सुविधाओं का मूल्यांकन करना चाहिए. पिछले 10 से 15 वर्षों के विकास को ध्यान में रखें.'

ये भी पढ़ें-नीति आयोग की रिपोर्ट पर तेजस्वी ने नीतीश से पूछा, बिहार को सबसे फिसड्डी राज्य क्यों बनाया?

'विश्लेषण प्रक्रिया बदले आयोग'
सुशील मोदी ने कहा, 'यदि हम शिक्षा प्रणाली, स्वास्थ्य, सड़क के बुनियादी ढांचे, प्रति व्यक्ति आय का विश्लेषण करते हैं, तो बिहार शीर्ष पर होगा. मेरा मानना है कि नीति आयोग को रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले विश्लेषण प्रक्रिया को बदलना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'आयोग का विश्लेषण कार्यक्रम 2015-16 पर आधारित है, जिसे अपडेट करने की जरूरत है.'

'मूल्यांकन का तरीका सही नहीं'
सुशील मोदी ने कहा, 'नीति आयोग पंजाब, गुजरात जैसे विकसित राज्यों का बिहार और ओडिशा जैसे पिछड़े राज्यों या गोवा और उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों की तुलना में मूल्यांकन कैसे कर सकता है. इसे किसी विशेष राज्य की आबादी, क्षेत्रों और संसाधनों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए.'

(इनपुट-आईएएनएस)

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