मुजफ्फरपुर में पंचों का अनोखा फैसला, नाबालिग दूल्हे को छोड़ने की कीमत 50 हजार लगाई
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मुजफ्फरपुर में पंचों का अनोखा फैसला, नाबालिग दूल्हे को छोड़ने की कीमत 50 हजार लगाई

मुजफ्फरपुर में पंचों का अनोखा फैसला सामने आया है. जिसमें नाबालिग दूल्हा को छोड़ने की कीमत 50 हजार लगाई गई है. भागकर शादी करने बाले नाबालिग दूल्हा-दुल्हन को बहला फुसलाकर बाहर से पहले घर बुलाया गया और फिर पंचायत का यह फैसला सुनाया गया.

(फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर में पंचों का अनोखा फैसला सामने आया है. जिसमें नाबालिग दूल्हा को छोड़ने की कीमत 50 हजार लगाई गई है. भागकर शादी करने बाले नाबालिग दूल्हा-दुल्हन को बहला फुसलाकर बाहर से पहले घर बुलाया गया और फिर पंचायत का यह फैसला सुनाया गया. पुलिस तक पंचायत का यह अनोखा फैसला भी नहीं पहुंचा. 

लड़की पक्ष ने बताया उनके साथ हुआ अन्याय
मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है,जहां गांव की पंचायत में पंचों ने नाबालिग पति को छोड़ने के लिए फैसला सुनाया कि लड़की पक्ष को 50 हजार देकर विवाहित लड़का से अलग होना होगा. यह मामला जब प्रकाश में आया तो गांव में चर्चा का विषय बन गया. सकरा थाना क्षेत्र के गन्नीपुर बेझा गांव की है.जब लड़के पक्ष से बात करने की कोशिश गई तो बात करने से मना कर दिया, वहीं लड़की पक्ष ने बताया कि उनके साथ अन्याय हुआ है.

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लड़की-लड़का साथ रहना चाहते थे
आपको बता दें की मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के गन्नीपुर बेझा गांव की एक 14 वर्षीय लड़की पिछले महीने गांव के ही 17 वर्षीय किशुन नामक लड़का के साथ भाग गई. दोनों ने उत्तर प्रदेश में जाकर अंतरजातीय विवाह किया.उसके बाद वहीं रहने लगे. लेकिन दोनों के बीच अंतरजातीय विवाह होने की वजह से दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे. इसी बीच मामले को बढ़ता देख ग्रामीणों ने दोनों को आपस में समझौता करने का सलाह दिया. उसके बाद दोनों लड़का-लड़की को झूठ बोलकर वापस घर बुलाया गया. बगल में घर रहने के बावजूद लड़का रातभर लड़की के घर पर हीं रूका. अगले दिन पंचायत बुलाई गई,जब दोनों गांव पहुचें तो पंचों ने पंचायत कर मामला को निपटाने का निर्णय लिया और पंचों ने इस पंचायत के दौरान फैसला लिया कि लड़की और लड़का अलग होंगे इसके एवज में लड़की को 50 हजार रूपए दिए जाएंगे, हालांकि लड़की और लड़का दोनों साथ रहना चाहते थे. लेकिन पंचों के इस अजीब फैसले ने दोनों को अलग कर दिया. इस फैसले से खुश लड़का पक्ष ने तुरंत लड़की के पिता को 10 हजार दे दिया और पैसा बाद में देने की बात कही.

मामले को पुलिस तक नहीं पहुंचने दिया गया
इस पंचायत के फैसला के संबंध में लड़की के दादा मुसाफिर राम से पूछने पर बताया कि लड़का के दादा रामस्वार्थ राय ने मेरी पोती के इज्जत का सौदा कर दिया, उनलोगों ने मेरे बेटे शंकर राम को जान से मार देने की धमकी दी है. जिसकी वजह से हमलोगों ने इसकी शिकायत थाने में नहीं किया है. जब पंचों का ये फैसला लड़की के भाई को पसंद नहीं आया तो पुलिस में शिकायत करने की बात कही तो उसे मारापीटा गया. हलांकि अबतक इस मामले में पुलिस को सूचना नहीं दी गई है और लड़की के घर में फिलहाल ताला लगा है. कई दिनों से घर में कोई नहीं रहता. पुराने घर पर लड़की के बुजुर्ग दादा रहते हैं, लड़की और उसका भाई ननिहाल चला गया है. मामले को लेकर कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है.जबकि लड़का पक्ष इस पूरे मामले को झूठ बता रहा है, हालांकि जिस पंचायत में इतना कुछ हुआ उस पंचायत के न तो सरपंच को इस घटना की सूचना दी गई और ना तो मुखिया को बताया गया है. सरपंच प्रतिनिधि रामएकबाल महतो ने बताया कि जो कुछ भी हुआ वो सरासर गलत हुआ है.

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