Unique Marriage in Bihar: बिहार के छपरा में अनोखा विवाह, 70 साल के बुजुर्ग की निकली बारात, बच्चे भी हुए शामिल
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Unique Marriage in Bihar: बिहार के छपरा में अनोखा विवाह, 70 साल के बुजुर्ग की निकली बारात, बच्चे भी हुए शामिल

Unique Marriage in Bihar: कहते हैं जीवनसाथी के बीना जिंदगी अधूरी रहती है और अकेलेपन का अहसास इंसान का जीवन बेहद मुश्किल बना देता है. चाहे उम्र कुछ भी हो. एक खुशहाल जीवन के लिए एक साथी की आवश्यकता जरूर पड़ती है. इस बात को साबित कर दिखाया है उम्र के आखिरी पड़ाव पर जिंदगी गुजार रहे 70 साल के बुजुर्ग ने अपना ब्याह रचा कर.

Photo Credit (Social Media)

पटनाUnique Marriage in Bihar: कहते हैं जीवनसाथी के बीना जिंदगी अधूरी रहती है और अकेलेपन का अहसास इंसान का जीवन बेहद मुश्किल बना देता है. चाहे उम्र कुछ भी हो. एक खुशहाल जीवन के लिए एक साथी की आवश्यकता जरूर पड़ती है. इस बात को साबित कर दिखाया है उम्र के आखिरी पड़ाव पर जिंदगी गुजार रहे 70 साल के बुजुर्ग ने अपना ब्याह रचा कर. 70 साल का बुजुर्ग बग्घी पर सवार होकर अपनी दुल्हन को लाने ससुराल की ओर चले तो हर कोई देखता रह गया. इस शादी की खबर बिहार के छपरा से सामने आ आ रही है.  

शादी के जश्न में डूबा पूरा गांव
छपरा में गुरुवार को एक अनोखी बारात निकली. 70 साल के एक बुजुर्ग की बारात में उसकी सात बेटियां और एक बेटा के साथ पूरा गांव बाराती बना हुआ था. हर कोई बैंड-बाजा और डीजे की धुन पर थिरक रहे थे. पूरा गांव शादी के जश्न में डूबा हुआ था. इस अनुठी शादी को देखने के लिए  बड़ी तदाद में लोग जुटे थे. इस शादी से बुजुर्ग दंपत्ती काफी खुश थी. दरअसल, एकमा के आमदाढ़ी निवासी राजकुमार सिंह की शादी 42 साल पहले 5 मई को ही हुई थी, लेकिन पत्नी का दोंगा (गौना) नहीं हुआ था. गौना वह रस्म है जिसमें पत्नी का मायके से अपने पति के घर दूसरी बार जाना होता है. इस रस्म को राजकुमार सिंह और उनके संतानों ने इस कदर यादगार बना दिया, जिसे वो तो क्या कोई भी नहीं भूल सकता है.

42 साल बाद हुई दोंगा की रस्म 
बिहार के छपरा के रहने वाले इस शख्स की शादी 42 साल पहले हुई थी. अब वो चार दशक बाद अपनी पत्नी का दोंगा कराने रथ पर सवार होकर गया है. जब गांव में 70 साल के बुजुर्ग की बारात निकली तो हर कोई देखने को मजबूर हो गया. दूल्हा बने राजकुमार सिंह ने बताया की 42 साल पहले उनकी शादी में मांझी थाने के नचाप गांव से बारात आमदाढ़ी आई थी. शादी के बाद वह कभी अपने ससुराल आमदाढ़ी नहीं गए थे और न कभी दोंगा ही हुआ था. उनकी बेटियों और बेटे ने मिलकर 42 साल बाद दोंगा की रस्म को पूरा किया. 

अपने बच्चों के लिए किया काफी संघर्ष 
दरअसल, राजकुमार अपने गांव में आटा-चक्की चलाते है. अपनी बेटियों को बिहार पुलिस और सेना में नौकरी दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया है और अपने बेटे को इंजीनियर बनाया है. बच्चों की जिद के वजह से बुजुर्ग की 70 साल में शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. बच्चों की जिद के वजह से राजकुमार सिंह दुल्हा बनकर पत्नी को दुबारा विदा कर घर लाने के लिए गया.    

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