ZEEL-Invesco Case: 'डाक्यूमेंट्स के उलट हैं इनवेस्को के बयान', पुनीत गोयनका बोले- 'समय आने पर उजागर होंगी बहुत-सी बातें'
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ZEEL-Invesco Case: 'डाक्यूमेंट्स के उलट हैं इनवेस्को के बयान', पुनीत गोयनका बोले- 'समय आने पर उजागर होंगी बहुत-सी बातें'

इन्वेस्को मामले पर ज़ी एंटरटेनमेंट के MD और CEO पुनीत गोयनका ने लिखित बयान जारी कर कहा, 'कई बार चुप्पी सबसे बेहतर जवाब होती है. लेकिन, मैंने महसूस किया कुछ मामलों में इसे सही वक्त पर तोड़कर बोलना जरूरी होता है.'

ZEEL-Invesco विवाद पर पुनीत गोयनका का आया बयान,

ZEEL-Invesco Case: ज़ी एंटरटेनमेंट और इन्वेस्को के बीच चल रहा विवाद अब नया मोड़ ले रहा है. इस विवाद पर रोजाना कई अहम पहलू निकलकर सामने आ रहे हैं. पहले ज़ी एंटरटेनमेंट के बोर्ड के सामने रिलायंस के साथ होने वाली डील का प्रजेंटेशन दिया गया. फिर रिलायंस ने खुद कन्फर्म किया कि डील में वह भी पुनीत गोयनका को ही MD और CEO नियुक्त करना चाहती थी. वहीं, मीडिया के बड़े एक्सपर्ट डॉ. अनुराग बत्रा ने भी अपना पक्ष मजबूती के साथ रखते हुए पुनीत गोयनका का समर्थन किया. इन सबके बाद से इन्वेस्को एकदम बैकफुट पर है और उसकी मंशा सबके सामने आ गई है. अब इस विवाद में पहली बार खुद पुनीत गोयनका ने बयान जारी किया है. 

  1. ज़ील-इन्वेस्को विवाद पर पहली बार बोले एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका
  2. कंपनी के भविष्य को लेकर चिंता-पुनीत गोयनका

 

पहली बार इन्वेस्को मामले पर आया बयान
इन्वेस्को मामले पर ज़ी एंटरटेनमेंट के MD और CEO पुनीत गोयनका (Punit Goenka) ने लिखित बयान जारी कर कहा, 'कई बार चुप्पी सबसे बेहतर जवाब होती है. लेकिन, मैंने महसूस किया कुछ मामलों में इसे सही वक्त पर तोड़कर बोलना जरूरी होता है.' उन्होंने एक नोट लिखते हुए इस मामले में कुछ बातें जाहिर की हैं. उन्होंने कहा, 'मैं इन्वेस्को के साथ चल रहे मुद्दे पर खामोशी तोड़ने पर विवश हो गया हूं. मैं हमेशा से ट्रांसपेरेंसी के साथ बातें और बयान देते हूं. मुझे यह भी उम्मीद है कि इस मामले में यह मेरा पहले और आखिरी बयान होगा. इससे बाद हम ZEE की वैल्यू-क्रिएशन जर्नी पर ही फोकस करेंगे.'

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'कंपनी के भविष्य को लेकर चिंता'
गोयनका ने लिखा, 'सबसे पहले मैं बताना चाहता हूं कि इन्वेस्को (Invesco) ने कंपनी को ज्यादातर बार काफी मजबूत सपोर्ट दिया है. आज दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियां हैं जिनका हम सभी सामना कर रहे हैं और इस रिश्ते में खटास देखकर मुझे दुख होता है.' इन्वेस्को ने अपना प्लान पहले क्यों नहीं जाहिर किया? कॉरपोरेट गवर्नेंस केवल कंपनियों पर ही लागू, बड़े निवेशकों पर नहीं? मुझे अपने पद की नहीं पर कंपनी के भविष्य को लेकर चिंता है.'

'कंपनी के हितों पर आंच नहीं आने देंगे'
गोयनका ने नोट में लिखा, 'मौजूदा लड़ाई का मकसद कंपनी और भी मजबूत बनाना है. हमें यही कोशिश करनी है कि कंपनी के भविष्य पर आंच न आए. हमारी कोशिश है कि शेयरहोल्डर वैल्यू को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए. इन्वेस्को के साथ जो भी बातचीत थी, उसे उजागर करना जरूरी था. इसका मकसद था कि इन्वेस्को को लेकर जो भी सच है वो सबके सामने आए. बताना जरूरी था कि इन्वेस्को की डील निवेशकों के हित में नहीं थी. प्रस्ताव पर इसलिए राजी नहीं था क्योंकि निवेशकों को नुकसान होता. कंपनी की वैल्यू, निवेशकों के हितों पर किसी भी दबाव से समझौता नहीं कर सकते. बहुत सी और भी बातें हैं जिसे समय आने पर उजागर किया जाएगा. किसी एक के फायदे के लिए कंपनी के हितों पर आंच नहीं आने देंगे.'

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'भविष्य बहुत ही अच्छा है'
गोयनका ने कहा- 'इन्वेस्को के साथ विवाद बहुत दुखद हैं और हालात अफसोसजनक. इन्वेस्को ज्यादातर समय तक बहुत सपोर्टिव इन्वेस्टर रहा. शुरू से मेरा रवैया पारदर्शी रहा, इसलिए अब बोलना जरूरी है. इन्वेस्को को लेकर ये मेरा पहला और आखिरी बयान होगा. ये हम सबकी मेहनत का फल है कि बड़े निवेशक दिलचस्पी दिखा रहे हैं, निवेशक हमसे जुड़ना चाहते हैं, क्योंकि भविष्य बहुत ही अच्छा है. मैं चाहता हूं कि कंपनी का भविष्य और भी अच्छा बनें. चाहता हूं कि निवेशकों को अच्छा रिटर्न और वैल्यू मिले. कंपनी और इसके लोग शानदार तरक्की करें ये मेरी इच्छा है. ग्रोथ के साथ में ईमानदारी, पारदर्शिता, पॉजिटिव माहौल भी रहना चाहिए. लेकिन, मौजूदा हालात जिस तरह से बन रहे हैं उसे देखकर निराश हूं.'

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