तेजस्वी यादव के गायब होने पर उठ रहे सवाल, मांझी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की दी गई सलाह
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तेजस्वी यादव के गायब होने पर उठ रहे सवाल, मांझी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की दी गई सलाह

नेता और कार्यकर्ता समेत महागठबंधन में भी अब तेजस्वी के गायब होने पर सवाल किए जा रहे हैं.

तेजस्वी यादव के सक्रिय राजनीति से गायब होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. (फाइल फोटो)

पटनाः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दो महीने से बिहार की राजनीति से गायब हैं. लेकिन अब उनके अनुपस्थिति का असर दिखने लगा है, उनके नेता और कार्यकर्ता समेत महागठबंधन में भी अब तेजस्वी के गायब होने पर सवाल किए जा रहे हैं. वहीं, बीजेपी ने जीतनराम मांझी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की सलाह दी है.

पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अपने दोनों बेटों को राजनीतिक एंट्री कराई थी. यहां तक की छोटे बेटे तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री और बड़े बेटे को मंत्री बनवाया था. इस वजह से आरजेडी के कई बड़े नेता दरकिनार भी कर दिए गए और कद भी दोनों बेटों के सामने छोटा कर दिया गया. हालांकि, तेजस्वी यादव ने राजनीति में अपने तेज तर्रारी दिखाई लेकिन अब वह शिथिल हो गए हैं जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं.

तेजस्वी यादव के ही नेतृत्व में लोकसभा 2019 का चुनाव लड़ा गया था. पूरे महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी कर रहे थे लेकिन उनकी खुद की पार्टी आरजेडी इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई. जिसके बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर चल रहे हैं. हालांकि, वह कई बार खुद को राजनीति में दिखा रहे हैं लेकिन ज्यादातर वह पहले की तरह मुद्दों से दूर रह रहे हैं. जिसके बाद पार्टी में भी इस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता उपेन्द्र प्रसाद ने कहा है की निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है कि तेजस्वी यादव प्रतिपक्ष के नेता होते हुए सदन में नहीं थे, जबकि उन्हें सदन में होना चाहिए थे. बिहार में जो अभी स्थिति है ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को मुद्दों पर अपनी भूमिका निभानी चाहिए थी.

वहीं, सत्तापक्ष तेजस्वी के राजनीति से दूर रहने पर लगातार चुटकी ले रहे हैं. बीजेपी के प्रवक्ता नवल यादव ने तेजस्वी यादव पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह खो गए हैं. ऐसे में महागठबंधन के लोगों को चाहिए की उनकी जगह किसी अनुभवी नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाए. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की सलाह दी और कहा कि वह अनुभवी हैं. साथ ही उपेंद्र कुशवाहा को लेकर भी कहा कि उन्हें भी नेता बनाया जा सकता है.

बीजेपी की इस चुटकी पर आरजेडी के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सलाह अब आरजेडी या महागठबधन चलेगी? सारी बातें महागठबंधन के सहयोगी दलों की राय से होती है. उन्होंने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष गायब हैं तो उन्हें खुशी मनाना चाहिए. अब लगता है सुशील मोदी का काम यही रह गया है.