बिहार की बेटी अपराजिता पर पीएम ने जताया भरोसा, बनी भुवनेश्वर की सांसद
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बिहार की बेटी अपराजिता पर पीएम ने जताया भरोसा, बनी भुवनेश्वर की सांसद

बिहार की बेटी अपराजिता साडंगी भुवनेश्वर की सांसद बनी हैं. उन्होंने बीजू जनता दल के उम्मीदवार को भारी मतों से हराया है. 

अपराजिता बिहार के बांका की रहने वाली है.

पटनाः लोकसभा चुनाव 2019 में न केवल बिहार का जलवा कायम रहा बल्कि बिहारियों ने भी अपना लोहा पूरे देश में मनवाया है. बिहार की बेटी अपराजिता साडंगी भुवनेश्वर की सांसद बनी हैं. उन्होंने बीजू जनता दल के उम्मीदवार को भारी मतों से हराया है. अपराजिता पर भरोसा खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने जताया था और बिहार की बेटी ने बीजू जनता दल के गढ में बीजेपी का झंडा गाड़  दिया. अपराजिता की उपलब्धि से परिवार वाले खासे उत्साहित हैं. 

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हुई जीत के साथ साथ बीजेपी के उम्मीदवारों की भी चर्चा जोर सोर से है. बीजेपी की एक ऐसी ही उम्मीदवार हैं अपराजिता षाडंगी. बिहार की होते हुए भी अपराजिता ने बीजू जनता दल के गढ में बीजेपी का झंडा गाड़ा है. अपराजिता भुनेश्वर से बीजेपी की सांसद चुनी गयी हैं. अपराजिता पेशे से आईएएस अधिकारी रही हैं. लेकिन 2018 में वीआरएस लेकर उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गयीं.

अपराजिता की इस उपलब्धि से उनके परिवार वाले काफी खुस हैं. अपराजिता के बडे भाई पटना में रेलवे के एक बडे अधिकारी हैं. पटना आरआरबी के चेयरमैन सुजीत मिश्रा अपनी बहन की उपलब्धि पर काफी खुश हैं. लेकिन इस खुशी के बीच सुजीत अपने बचपन के दिनों में खो जाते हैं. सुजीत बताते हैं कि तीन भाई बहनों में वो बडे भाई हैं. उनसे छोटी अपराजिता हैं और एक सबसे छोटी बहन भी हैं जो दिल्ली में सीनियर जर्नलिस्ट हैं.

अपराजिता के भाई सुजीत बताते हैं कि वो लोग मूल रुप से बांका जिले के बौंसी प्रखंड के रहनेवाले हैं. लेकिन उनके पिता अजित मिश्रा भागलपुर युनिवर्सिटी में प्रोफेसर और इंगलिश डिपार्टमेंट में एचओडी थे. इसलिए उनकी परवरिश भागलपुर में ही हुई. मां कुसुम मिश्रा भी पेश से शिक्षिका थीं इसलिए घर में पढाई का काफी अच्छा माहौल रहा. पिता ने जीवन के तीन मूल मंत्र बताये थे मेहनत, लगन और ईमानदारी जिन्हें सुजीत और उनकी बहनों ने आत्मसात किया. 

अपराजिता बचपन से मेधावी रही हैं. अपराजिता ने स्कूल की शिक्षा माउंट कार्मेल स्कूल भागलपुर से और आनर्स की डिग्री सुंदरवती महिला कॉलेज भागलपुर से थ्रू आउट डिस्टिंक्शन मार्कस के साथ हासिल की है.

अजित बताते हैं कि वो और उनकी बहन अपराजिता ने साल 1993 में एक साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. अपराजिता ने अपने पहले ही प्रयास में पूरे देश में 34वां रैंक हासिल किया था. खास बात ये रही कि ये सफलता दोनों ही भाई बहनों ने भागलपुर में ही सेल्फ स्टडी कर हासिल की. 

अपराजिता उड़ीसा कैडर की आईएएस थीं. उनके पति संतोष साडंगी भी उड़ीसा कैडर के ही आईएएस हैं. संतोष साडंगी फिलहाल मिनस्ट्री ऑफ कॉमर्स में ज्वाईंट सेक्रेटरी के पद पर काम कर रहे हैं. अपराजिता को सबसे पहली ख्याती भुनेश्वर में खुर्दा के जिलाधिकारी के तौर पर बढ़िया काम करते हुए मिली. साल 1999 में यहां चक्रवाती तुफान के बाद उत्पन्न हुई विभत्स स्थिती में बेहतरीन राहत बचाव कार्य के लिए अपराजिता को काफी सम्मान मिला. उसके बाद भुवनेश्वर में म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की कमिश्नर रहते हुए और एजुकेशन डिपार्टमेंट में सेक्रटरी के पद पर रहते हुए किये गये कामों को लेकर इनकी काफी सराहना हुई.

बाद के दिनों में केन्द्र सरकार में रुरल वर्कस डिपार्टमेंट( मनरेगा) में किये जा रहे इनके बेहतरीन कामों पर खुद पीएम मोदी की नजर गयी. बीजेपी ने अपराजिता के बैकग्राउंड को अच्छी तरह खंगाला. और एक आईएएस अधिकारी के तौर पर इनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए भुवनेश्वर से चुनाव लडने का ऑफर दे दिया. अपनी सर्विस के ग्यारह साल शेष रहते हुए अपराजिता ने सामने खड़ी नई चुनौती को आगे बढ़कर स्वीकार करना बेहतर समझा. नवंबर 2018 में अपराजिता ने वीआरएस ली और 2019 लोकसभा चुनाव में वो कर दिखाया जो किसी भी राज्य से बाहर के सख्स के लिए आसान नहीं होता. अपराजिता ने बीजू जनता दल के किले में सेंध करते हुए बीजेपी का झंडा वहां गाड़  दिया. 

अपराजिता के भाई सुजीत मिश्रा पीएम नरेन्द्र मोदी और भुनेश्वर की जनता को धन्यवाद देते हैं. सुजीत कहते हैं कि अपराजिता की काबिलियत को पीएम और जनता दोनों ने बखूबी समझा और यही वजह है कि अपराजिता अब नये मुकाम पर है.