इस मुद्दे पर सत्तापक्ष के ही JDU विधायक रत्नेश सदा ने कहा कि क्या साइबर अपराधी (Cyber Criminal) सरकार और सीबीआई (CBI) से भी बड़े हैं. आखिर क्यों थाना नहीं बनाया जा रहा है.
Trending Photos
Patna: बिहार विधानसभा बजट सत्र में तमाम मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष में बहस जारी है. इस बीच बिहार में साइबर क्राइम (Cyber Crime) को रोकने के लिए जिलावार थाना बनाने की मांग को लेकर सत्तापक्ष के BJP विधायक विजय खेमका ने ध्यानाकर्षण सूचना दिया है.
इस दौरान विजय खेमका (Vijay Khemka) ने कहा कि बिहार में अधिकारियों के नाम पर सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाकर पैसे मांगे जा रहे हैं. गरीब लोग साइबर अपराधियों के चक्कर में फंस रहे हैं. इस पर कानूनी नकेल कसने की सख्त जरूरत है.
यह भी पढ़ें:- झारखंड में सामने आया बड़ा SCAM, रैयतों के मुआवजे का पैसा चढ़ा Cyber Crime की भेंट
इस मुद्दे पर सत्तापक्ष के ही JDU विधायक रत्नेश सदा ने कहा कि क्या साइबर अपराधी (Cyber Criminal) सरकार और सीबीआई (CBI) से भी बड़े हैं. आखिर क्यों थाना नहीं बनाया जा रहा है.
इस मांग के समर्थन में बीजेपी के एक और विधायक विद्यासागर ने सदन में कहा कि मुझे भी शिकार बनाने की कोशिश की गई है. थाने में इस अपराध को रोकने के लिए एक्सपर्ट नहीं हैं.
हालांकि, गृह विभाग के प्रभारी सह मंत्री श्रवण कुमार ने अलग से थाना बनाने की मांग को अस्वीकृत कर दिया. उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए अलग से थाना नहीं बनाया जाएगा.
अब जरा आंकड़ों पर नजर डालें तो बिहार में Cyber Crime के 2016 में 309 मामले, 2017 में 433 मामले और 2019 में 1049 मामले आये हैं. जिला स्तर पर 74 साइबर क्राइम यूनिट (Cyber Crime Unit) का गठन किया गया है, जो मंत्री श्रवण कुमार के मुताबिक साइबर क्राइम के अपराध को रोकने मे सक्षम है. लोगों को जागरूक करना बेहतर उपाय होगा.