बिहार विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है लेकिन राजनीति दलों ने अभी से तैयारियां शुरु कर दी हैं. इधर सदस्यता अभियान के बहाने बीजेपी ने आरजेडी के वोटबैंक में सेंधमारी शुरु कर दी है. पार्टी की ओर से बुद्धवार को सैंकडों यादव समाज के युवाओं को बीजेपी की सदस्यता दिलायी गई.
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पटना: चुनाव से पहले बीजेपी ने आरजेडी के वोट बैंक में सेंधमारी की शुरूआत कर दी है. बुधवार को पार्टी ने यादव समाज से जुडे सैंकडों युवाओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर पार्टी के नेताओं ने कहा कि जल्द ही जाति की दुकान लेकर घूमनेवालों के दुकान बंद होनेवाली है. इधर आरजेडी ने दावा किया है कि उनके आधार को कोई तोड़ नहीं सकता.
बिहार विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है लेकिन राजनीति दलों ने अभी से तैयारियां शुरु कर दी हैं. इधर सदस्यता अभियान के बहाने बीजेपी ने आरजेडी के वोटबैंक में सेंधमारी शुरु कर दी है. पार्टी की ओर से बुद्धवार को सैंकडों यादव समाज के युवाओं को बीजेपी की सदस्यता दिलायी गई. इस मौके पर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि बीजेपी को लेकर जाति के सभी बंधन टूट चुके हैं. जो लोग जाति की दुकान लेकर घूमते थे उनकी दुकानें बंद हो चुकी हैं. 2014 और 2019 के चुनाव परिणाम इसके बडे संकेत हैं. वहीं, कार्यक्रम में मौजूद पार्टी के उपाध्यक्ष देवेश कुमार ने कहा कि सदस्यता अभियान के तहत बीजेपी से बडे पैमाने पर लोग जुड रहे हैं. जिसके कारण पार्टी और मजबूत होगी.
सदस्यता अभियान में बडी तादाद में यादव समाज के युवाओं के साथ शामिल होने पहुंचे अमित यादव ने बताया कि आरजेडी सिर्फ एक आदमी के इशारे पर चलती है. वो इशारों में उठने-बैठने के लिए बोलते हैं. लेकिन अब ये समाज किसी का गुलाम नहीं है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अच्छा काम कर रहे हैं धारा 370 का मामला हो या ट्रिपल तलाक का पीएम ने खुद को साबित कर दिखाया है. ऐसे में बीजेपी ही एकमात्र विकल्प नजर आती है .
इधर खुद के वोट बैंक में हो रही सेंधमारी पर आरजेडी की भी नजरें हैं. पार्टी के विधायक ने कहा है कि जो लोग ये कहते थे कि वो जाति की राजनीति नहीं करते हैं उनका सच सामने आ रहा है. बीजेपी का हाल तो ये है कि उन्होंने अपने अध्यक्ष और मंत्री भी यादव समाज से ही बनाया है. लेकिन हकीकत ये है कि आरजेडी का बेस या फिर यों कहें कि आधार कभी टूट नहीं सकता .
आरजेडी के दावे भले ही कुछ भी हों लेकिन आरजेडी के सदस्यता अभियान की सुस्ती का फायदा दूसरे सियासी दल उठाने में जुट गये हैं. खासतौर से बीजेपी को इस वोटबैंक में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी नजर आ रही है. ऐसे में आरजेडी के लिए अपना किला बचाना अब किसी चुनौती से कम नहीं .