बिहार : विरोधी भी थे सुषमा स्वराज के व्यक्तित्व के कायल, निधन पर हर कोई दुखी
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बिहार : विरोधी भी थे सुषमा स्वराज के व्यक्तित्व के कायल, निधन पर हर कोई दुखी

सुषमा स्वराज के व्यक्तित्व के कायल सिर्फ उनकी पार्टी में ही नहीं, बल्कि विरोधी भी थे. आज उनके निधन पर हर कोई दुखी है. 

सुषमा स्वराज के निधन पर हर कोई दुखी.
सुषमा स्वराज के निधन पर हर कोई दुखी.

पटना : पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रखर वक्ता रही सुषमा स्वराज का कल यानी मंगलवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. सुषमा स्वराज के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है. सुषमा स्वराज के व्यक्तित्व के कायल सिर्फ उनकी पार्टी में ही नहीं, बल्कि विरोधी भी थे. आज उनके निधन पर हर कोई दुखी है. बिहार में बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, रालोसपा सभी दलों के नेताओं ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक प्रकट किया है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा, 'सुषमा स्वराज के निधन से मर्माहत हूं. विश्वास नहीं हो रहा है. वो जब-जब बिहार आती थीं, उनसे मुलाकात होती थी. उनका निधन हमारे लिए व्यक्तिगत क्षति है. विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने अमिट छाप छोड़ी, आम आदमी से विदेश मंत्रालय को जोड़ दिया. एक ट्वीट पर लोगों की मदद की. आगे ऐसा होगा, हम नहीं कह सकते हैं.'

सुषमा स्वराज के निधन पर बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद आलम ने कहा, 'बिहार से सुषमा स्वराज का गहरा नाता था. 1977 में जॉर्ज फर्नांडिस के लिए मुजफ्फरपुर में उन्होंने लगातार प्रचार किया था. विदेश मंत्री रहते हुए विदेशों में फंसे भारतीय को स्वदेश लाने में उनकी अहम भूमिका रही है. ऐसी राजनेता थी कि सदैव देश के लिए काम करती रही.'

बिहार सरकार में कृषि मंत्री ने प्रेम कुमार ने भी सुषमा स्वराज के निधन पर दुख व्यक्त किया है. इसके अलावा आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी शोक व्यक किया है. उनका कहना है, 'सुषमा जी बिहार से पुराना रिश्ता रहा है. 1977 में मुजफ्फरपुर में उन्होंने जार्ज फर्नांडिस के लिए चुनाव प्रचार किया था. तब उनके भाषण की अद्भुत कला दुनिया के सामने आयी थी. इसके बाद हरियाणा में चुनाव हुआ था, तब उन्हें चुनाव लड़ने का अवसर मिला था और वो मंत्री बनीं थी. सुषमा जी ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा.'

सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा यह एक बड़ी क्षति है. ऐसी क्षति, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है. सुषमा जी हमेशा एक गार्जियन की तरह गाइड करती थीं.

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