रावण दहन कार्यक्रम में BJP के शामिल नहीं होने पर सियासत तेज, RJD, कांग्रेस ने साधा निशाना
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रावण दहन कार्यक्रम में BJP के शामिल नहीं होने पर सियासत तेज, RJD, कांग्रेस ने साधा निशाना

बीजेपी का दावा है कि दुःख की इस घड़ी में जलजमाव और बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में लगे हैं. तो जेडीयू ने कहा है कि बीजेपी इस मौके पर नहीं आकर कोई संदेश देना चाहती है तो जनता सब जानती है कि विभाग किसके पास है. 

रावण वध कार्यक्रम को कर सियासत तेज. (फाइल फोटो)

पटना: दशहरा के मौके पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान सियासत देखने को मिली. रावण वध कार्यक्रम में जनता दल युनाइटेड (JDU) की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता नदारद रहे. इस मामले में अब राजनीति तेज हो गई है. मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जहां निशाना साधा है वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी के हाई कमान ने नेताओं को जाने पर रोक लगाया है.

इस सबके बीच बीजेपी का दावा है कि दुःख की इस घड़ी में जलजमाव और बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में लगे हैं. तो जेडीयू ने कहा है कि बीजेपी इस मौके पर नहीं आकर कोई संदेश देना चाहती है तो जनता सब जानती है कि विभाग किसके पास है. 

राम के नाम पर राजनीति करने वाली बीजेपी विजयदशमी के दिन गांधी मैदान में आयोजित रावण वध कार्यक्रम से दुरी बना ली. इसके बाद अब राजनीती तेज हो गई है. आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने जेडीयू पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस कार्यक्रम से बीजेपी को दूरी बनाने का धार्मिक कारण नहीं, बल्कि राजनीतिक कारण है.

आरजेडी नेता ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, पटना की मेयर सीता साहू, चार विधायक और दोनो सांसदों का नहीं आना यह स्पष्ट करता है कि बीजेपी, नीतीश कुमार को वह भाव नहीं दे रही है. 2019 के लोक सभा चुनाव में दो सीट वालों को 17 सीट दिया गया. नीतीश कुमार ने जिस तरह नरेंद्र मोदी और आरएसएस को अपमानित किया है उसका उधार बीजेपी लौटा रही है. 

जेडीयू इस मामले को लेकर आक्रामक हो गई है. पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि बीजेपी के लोग हमेशा रावण वध के कार्यक्रम में भाग लेते रहे हैं. उन्हें होना चाहिए था. लोकतंत्र की खूबसूरती रही है कि जनता प्यार देती है. जनता दुलार करती है तो मुश्किल वक्त में सवाल भी पूछती है. इन सवालों से भागने और जिम्मेदारियों को दूसरे के सिर मढ़ने से झूठ को कोई सच नहीं बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर चुनौतियों को अवसर में कैसे बदलना है यह नीतीश कुमार से लोगों को सीखनी चाहिए.

राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी के लोग पटना में 1990 से ही लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. नगर निगम, नगर विकास और आवास विभाग उनके ही कोटे में है. अगर मुस्तैद रहते तो ऐसी मुसीबतों को दूर कर सकते थे.

वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि बीजेपी 'जय श्रीराम' कहती है. सीता-राम कभी नहीं कहती है. जो राम और सीता का भक्त होगा वह रावण भक्त कभी नहीं हो सकता है. रावण वध में बीजेपी का नहीं आना यह स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी के लोग राम भक्त नहीं बल्कि रावण भक्त हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की तलाक की पहली अर्जी गांधी मैदान में है कि कोई भी नेता शरीक नही हुआ.

कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार बीजेपी के नेता नरेंद्र मोदी और अमित शाह के आदेश पर रावण वध में शरीक नहीं हुए. पटना के सभी विधायक, मेयर, सुशील मोदी, नन्दकिशोर यादव पटना से हैं, तो इसबार क्यों नहीं गये. इससे पहले बढ़-चढ़कर जाते थे.

बीजेपी ने रावण वध के कार्यक्रम में शरीक नहीं होने का कारण पटना में जलजमाव और बिहार में आई बाढ़ को बताया है. पार्टी के प्रवक्ता नवल यादव ने कहा कि अभी दुख की घड़ी है. पटना में जलजमाव और बिहार में बाढ़ के कारण पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लोगों को राहत पहुंचाने में लगे हैं. इसके कारण रावण वध में शामिल नहीं हुए. आरजेडी या विपक्ष के जो भी नेता इसमें राजनीति कर रहे हैं उन्हें यह समझना है कि पहले जनता जरूरी है. उसके बाद ही कोई कार्यक्रम.

पटना में जलजमाव की स्थिति के मद्देनजर सहयोगी बीजेपी और जेडीयू के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही है. दोनों पार्टियों के नेता पिछले कई दिनों से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. इसी बीच रावण दहन कार्यक्रम में किसी भी बीजेपी नेता का नहीं पहुंचना एक सियासी संदेह तो जरूर पैदा कर रहा है.

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