विपक्ष के अलग बिहार बंद पर BJP का तंज, कहा- कन्हैया और तेजस्वी एकसाथ आना संभव नहीं
सीएए और एनआरसी (NRC) के खिलाफ बिहार बंद होने वाला है. इन दोनों मुद्दो पर विपक्षी दलों ने बिहार को बंद करने का फैसला लिया है.
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पटना: बिहार बंद को लेकर संकट में पड़ी विपक्षी एकता को बचाने के लिए कांग्रेस (Congress) आगे आई है. पार्टी ने 19 और 20 दोनों ही तारीखों को बंद में शामिल होने का फैसला लिया है. इधर,आरजेडी (RJD) ने कहा है कि नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ जिन्हें समर्थन देना है वो 21 तारीख के बंद में शामिल हों. वहीं, बीजेपी (BJP) ने विपक्षी दलों में बिखराव की बड़ी वजह कन्हैया कुमार और तेजस्वी यादव के बीच छिड़ी सियासी जंग को बताया है.
दरअसल, सीएए और एनआरसी (NRC) के खिलाफ बिहार बंद होने वाला है. इन दोनों मुद्दो पर विपक्षी दलों ने बिहार को बंद करने का फैसला लिया है. पहला बंद 19 दिसंबर को होगा. इसका नेतृत्व सीपीआई करेगी. सीपीआई के ही नेतृत्व में तमाम वाम दल एक प्लेटफार्म पर नजर आएंगे.
वहीं, दूसरा बंद 21 तारीख को आरजेडी की ओर से हो रहा है. आरजेडी के नेतृत्व में तमाम विपक्षी दल बंद को सफल बनाएंगे. इस बीच विपक्षी दलों की ओर से कोशिश ये की गयी कि तमाम विपक्षी दलों को एक प्लेटफार्म पर लाकर बिहार बंद की तारीख एक कर दी जाए. लेकिन ये कोशिश फेल हो गई है.
बिहार बंद को लेकर बिखरती विपक्षी एकता को बचाने के लिए कांग्रेस ने एक पहल की है. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि पार्टी 19 और 21 दोनों ही तारीखों को होने वाले बंद में शामिल होगी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि उनकी कोशिश थी कि सभी विपक्षी दल एक दिन एक ही मंच पर आते, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका है. इसलिए हम लोगों ने ये फैसला लिया है कि हम दोनों ही दिन बिहार बंद में शामिल होंगे.
कांग्रेस अपनी इस कवायद के जरिए भले ही विपक्षी एकता बचाने की कोशिश कर रही हो. लेकिन आरजेडी का स्टैंड मामले पर बिलकुल साफ है. पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी की माने तो सीएए के मसले पर सबसे पहले तेजस्वी यादव धरने पर बैठे.
उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ सबसे पहले आरजेडी ने बंद का कॉल किया है. दूसरे दलों ने बाद में फैसला लिया है. इसलिए उनकी अपील है कि सभी विपक्षी दल और आमलोग 21 तारीख के बिहार बंद को अभूतपूर्व बनाएं.
आरजेडी प्रवक्ता के बयान से साफ है कि सीएए के खिलाफ उभरे जनाक्रोश को पार्टी किसी दूसरे समूह के साथ शेयर नहीं करना चाह रही है. यही वजह है कि बीजेपी ने विपक्षी एकता के बीच हुए बिखराव को कन्हैया और तेजस्वी के बीच वर्चस्व की लडाई का नतीजा बताया है.
बीजेपी प्रवक्ता अजित चौधरी ने कहा है कि 19 तारीख को होने वाले बंद का नेतृत्व कन्हैया करेंगे. वहीं, 21 तारीख को होनेवाले बंद का नेतृत्व तेजस्वी करेंगे. ऐसे में दोनों का एकसाथ आना संभव नहीं है. वैसे उनकी सलाह होगी कि विपक्ष सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाने की बजाए सरकार का साथ दे तो बेहतर होगा.
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