Kamla Persad Bissessar House: कमला प्रसाद-बिसेसर के नेतृत्व वाली पार्टी यूनाइटेड नेशनल कांग्रेस को त्रिनिदाद-टोबैगो के आम चुनावों में प्रचंड बहुमत मिला है. इस जीत के बाद उनका दोबारा त्रिनिदाद-टोबैगो की प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. विदेशी धरती में सांसदी का चुनाव जीतकर अपने जिले के साथ ही पूरे देशभर के लोगों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
कमला प्रसाद बिसेसर का संबंध बिहार के बक्सर जिले से है. उनके परदादा पंडित रामलखन मिश्रा को अंग्रेज जबरन अपने साथ मजदूरी कराने के लिए त्रिनिदाद-टोबैगो लेकर चले गए थे.
वह बक्सर जिले के भेलपुर गांव की बेटी हैं. यहां आज भी उनका मकान स्थित है. उनके मकान में आज भी उनका नाम लिखा हुआ है.
उनका परिवार कितना आध्यात्मिक था, यह उनके मकान को देखकर साफ पता चलता है. उनके मकान के मुख्य द्वार के ऊपर 'सीताराम' और 'राधेश्याम' लिखा हुआ है.
2010 में प्रधानमंत्री बनने के बाद कमला प्रसाद अपने पुरखों की जड़ें तलाशने बिहार आई थीं. 2012 की उस ऐतिहासिक यात्रा में कमला ने भेलुपुर गांव में अपने दूर के रिश्तेदारों से मुलाकात की थी.
कमला प्रसाद ने साल 2012 में अपने पूर्वजों के गांव भेलपुर का दौरा किया था और वहां के लोगों को संबोधित भी किया था. अपने रिश्तेदारों से मिलकर वह काफी खुश हुई थीं.
उन्होंने अपने गांव के स्कूल और सामुदायिक केंद्र के लिए आर्थिक मदद का वादा भी किया था, जिसके बाद गांव में शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ है.
कमला प्रसाद खुद ही कहती हैं कि उनके पूर्वज भारत की संस्कृति से जुड़े थे, इसलिए भारत उनके भी जीवन का एक हिस्सा है.
कमला ने उस दौरान कहा था कि यह मेरे लिए सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़ने का एक भावनात्मक अनुभव है. भेलुपुर मेरे दिल में हमेशा रहेगा.
उनके भाई ओम प्रकाश मिश्रा और भरत मिश्रा ने कहा कि बहन को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनने की जानकारी मिलने के बाद उनके पूरे गांव में उत्साह का माहौल है.
बता दें कि त्रिनिदाद और टोबैगो एक द्वीपीय देश है, जो कैरेबियन सागर में स्थित है. इसमें दो मुख्य द्वीप त्रिनिदाद और टोबैगो. यह देश दक्षिण अमेरिका के उतर-पूर्वी तट के पास स्थित है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़