उपचुनाव परिणाम: विपक्ष ने 11 सीटें जीती, BJP और उसके सहयोगी 3 सीटों तक ही सीमित
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उपचुनाव परिणाम: विपक्ष ने 11 सीटें जीती, BJP और उसके सहयोगी 3 सीटों तक ही सीमित

अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर हर एक उपचुनाव को प्रतिष्ठा की नजर से देखा जा रहा है. 

सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के लिए सबसे बड़ा झटका 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के परिणाम है जहां वह केवल एक ही सीट (उत्तराखंड) में जीत सकी.  (file pic)

नई दिल्लीः केन्द्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को गुरुवार को एक करारा झटका देते हुए विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा और विधानसभा की 14 सीटों के उपचुनावों में 11 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि भगवा पार्टी तथा उसके सहयोगियों को केवल तीन सीटों तक ही सीमित कर दिया. विपक्षी एकजुटता के कारण बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की चर्चित कैराना लोकसभा सीट को भी गंवा दिया.  अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर हर एक उपचुनाव को प्रतिष्ठा की नजर से देखा जा रहा है. विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि आज के परिणामों से पता चलता है कि 11 राज्यों में केन्द्र की मोदी सरकार की लोकप्रियता में गिरावट आई है तो वहीं बीजेपी ने कहा कि पीएम - ‘ पी ’ परफोरमेंस (कामकाज) और ‘ एम ’ मेहनत (कड़ी मेहनत) अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव का निर्णय करेंगे. 

  1. 4 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की
  2. 10 विधानसभा सीटों में से 1 सीट बीजेपी के हिस्से में गई
  3. महाराष्ट्र-कर्नाटक-पंजाब-मेघालय की सीटों पर कांग्रेस की जीत

राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के कैराना लोकसभा सीट गंवाने के साथ ही विपक्षी नेताओं को गैर बीजेपी एकता को मजबूत करने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन देखने को मिला है. 

महाराष्ट्र में एक-एक की बराबरी
भंडारा - गोंदिया लोकसभा उपचुनाव में राकांपा के मधुकर कुकाडे ने बीजेपी के हेमंत पाटिल को 48,097 मतों से हरा दिया. वहीं महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट बीजेपी ने बरकरार रखी जहां उसे अपने सहयोगी दल शिवसेना से ही कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा. इस सीट पर बीजेपी के राजेंद्र गावित 2,72,782 वोट हासिल कर यह उपचुनाव जीत गये हैं. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के श्रीनिवास वनगा को 2,43,210 वोट मिले हैं. शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हालांकि पालघर में मतों की गिनती में ‘‘ विसंगतियों ’’ का आरोप लगाया. 

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नगालैंड में एनडीए की सहयोगी जीती
नगालैंड  में बीजेपी की सहयोगी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने नगालैंड लोकसभा सीट के उपचुनाव में आज जीत दर्ज की. एनडीपीपी के उम्मीदवार ने एनपीएफ उम्मीदवार को 1.73 लाख से अधिक वोटों से शिकस्त दी. लोकसभा की चार सीटों में से हालांकि दो सीटें बीजेपी नीत गठबंधन ने जीतीं और दो सीटें विपक्षी पार्टियों की झोली में गई. बीजेपी गठबंधन लोकसभा की दो सीटों महाराष्ट्र की एक और नगालैंड की एक सीट पर जीत दर्ज कर पाया जबकि उत्तर प्रदेश की कैराना और महाराष्ट्र की भंडारा - गोंदिया लोकसभा सीट पर उसे पराजय का सामना करना पड़ा. 

यूपी में महागठबंधन का परचम
मुस्लिम और दलित बहुल कैराना सीट पर आरएलडी-एसपी गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी की मृगांका सिंह को 44618 मतों से पराजित किया. इस तरह 16वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश से वह पहली मुस्लिम सांसद भी बन गईं. 

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10 विधानसभी सीटों में से केवल एक में जीत
सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के लिए सबसे बड़ा झटका 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के परिणाम है जहां वह केवल एक ही सीट (उत्तराखंड) में जीत सकी. कांग्रेस ने तीन सीटें (मेघालय , कर्नाटक और पंजाब) जीती जबकि छह सीटों पर अन्य पार्टियों ने जीत दर्ज की जिनमें से जेएमएम ने झारखंड में दो सीटें , सीपीएम , सपा , आरजेडी और तृणमूल ने एक - एक सीट क्रमश : केरल , उत्तर प्रदेश , बिहार और पश्चिम बंगाल में जीतीं. 

महाराष्ट्र-कर्नाटक में कांग्रेस की जीत
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में भी एक विधानसभा सीट बिना चुनाव लड़े जीती. इस सीट पर सभी अन्य पार्टियों ने अपने उम्मीदवार वापस ले लिये थे. कांग्रेस ने कर्नाटक की आरआर नगर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर इसे बरकरार रखा जबकि मेघालय में उपचुनाव में मिली जीत को पार्टी ने मोदी सरकार के चार साल के खिलाफ लोगों का जनादेश बताया. 

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विपक्ष रहा हावी
विधानसभा सीटों में बीजेपी और उसके सहयोगी उत्तर प्रदेश की नूरपुर और पंजाब की शाहकोट सीट पर पराजित हो गये जबकि कांग्रेस , सीपीएम , झारखंड मुक्ति मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस अपनी - अपनी सीटों को बचाने में कामयाब रहे. बीजेपी ने उत्तराखंड की थराली सीट पर जीत दर्ज की लेकिन उत्तर प्रदेश की नुरपूर सीट गंवा दी और इस सीट पर सपा उम्मीदवार ने जीत हासिल की.

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बिहार में आरजेडी ने जोकीहाट विधानसभा सीट पर बीजेपी की सहयोगी जद (यू) के उम्मीदवार को बड़े अंतर से पराजित किया. यह परिणाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बड़ा झटका माना जा रहा है. इस सीट पर आरजेडी के शाहनवाज आलम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जदयू के मुर्शीद आलम को हराया.

- पंजाब की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हरदेव सिंह लाडी ने आज शाहकोट विधानसभा सीट से जीत दर्ज की. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार नायब सिंह कोहाड़ को 38 हजार 801 मतों से पराजित किया.

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- कांग्रेस प्रत्याशी मिआनी डी शिरा ने मेघालय की अंपाति विधानसभा सीट जीत ली है. इसके साथ ही विपक्षी कांग्रेस मेघालय विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है. इस सीट पर मिआनी के पिता मुकुल संगमा के इस्तीफे के बाद उपचुनाव कराया गया था.

- झारखंड की गोमिया तथा सिल्ली विधानसभा सीटों से उपचुनाव का परिणाम राज्य में मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के पक्ष में आया है. पहले भी दोनो सीटें जेएमएम के पास ही थीं.

- केरल में सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ के उम्मीदवार साजी चेरियन ने गुरुवार को चेंगन्नुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी को 20,956 मतों के भारी अंतर से मात दी.

- पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने महेशताला विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी को 62,827 वोटों से हराकर जीत दर्ज की.

नतीजों पर प्रतिक्रिया
लोकसभा एवं विधानसभा उपचुनावों के नतीजों पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लंबी छलांग लगाने के लिए दो कदम पीछे भी जाना पड़ता है.आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये परिणाम मोदी सरकार के खिलाफ लोगों के आक्रोश को दर्शाते है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परिणामों को ‘‘विभाजनकारी राजनीति की हार’’ बताया. 

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी की हार नफरत फैलाने वाली सांप्रदायिकता की राजनीति को जनता द्वारा ठुकराने का प्रतीक है. येचुरी ने उपचुनाव परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बीजेपी की हार इस बात का भी स्पष्ट संकेत है कि लोगों ने देश में सत्तारूढ़ दल की सरकार और देश की एकता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचाने की उसकी राजनीति को नकार दिया है. येचुरी ने यह आशंका भी जाहिर की है कि उपचुनाव परिणाम आरएसएस और बीजेपी को देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिये विवश करेंगे जिससे 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले धार्मिक आधार पर ‘हिंदूवादी वोटबैंक’ का ध्रुवीकरण किया जा सके. 

(इनपुट भाषा से)