सुदेश महतो ने कहा कि 9 महीने की इस सरकार में केवल ट्रांसफर पोस्टिंग का ही काम हुआ है. इसीलिए लोगों की आशा इस सरकार से पूरी तरह से टूट चुकी है.
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मृत्युंजय मिश्रा/बोकारो: झारखंड में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने क्षेत्र का दौरा शुरू कर दिया है. इसी क्रम में शुक्रवार को आजसू (AJSU) प्रमुख सुदेश महतो (Sudesh Mahato) बोकारो पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में दो उप चुनाव बेरमो और दुमका काफी अहम है. ये उपचुनाव झारखंड की राजनीति तय करेगा. इस उपचुनाव में जीत के बाद लोगों की आस है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन हो ये साढ़े तीन करोड़ जनता की आकांक्षा है.
उन्होंने कहा कि यह वंशवाद बनाम जनवाद की लड़ाई है. एक तरफ वंशवाद है तो दूसरी तरफ जनवाद है. महतो ने कहा कि 9 महीने की इस सरकार में केवल ट्रांसफर पोस्टिंग का ही काम हुआ है. इसीलिए लोगों की आशा इस सरकार से पूरी तरह से टूट चुकी है. यही वजह है कि यह दो उपचुनाव राज्य की सत्ता को परिवर्तन की ओर देख रही है.
बता दें कि झारखंड में विधानसभा के उपचुनाव के लिए बीजेपी ने दुमका से लुईस मरांडी (Louis Marandi) और बेरमो से योगेश्वर महतो (Yogeshwar Mahato) उम्मीदवार बनाया है. लुईस मरांडी पहले भी दुमका सीट से विधायक रह चुकी हैं और पूर्व की रघुबर दास सरकार में मंत्री भी थी. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में मरांडी हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से हार गई थी.
वहीं, योगेश्वर महतो 2014 के विधानसभा चुनाव में बेरमो सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन 2019 के चुनाव में वह कांग्रेस के राजेंद्र सिंह से हार गए थे. हालांकि उन्हें अच्छे खासे वोट हासिल हुए थे. गौरतलब है कि दुमका सीट सीएम हेमंत सोरेन के छोड़ने और बेरमो सीट कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह के आकस्मिक निधन के बाद खाली हुई है.
दुमका से जेएमएम ने सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने बेरमो से जयमंगल सिंह को मैदान में उतारा है. जयमंगल कांग्रेस के दिवंगत नेता राजेंद्र सिंह के बड़े बेटे हैं. झारखंड की दोनो सीट पर 7 नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को नतीजे सामने आएंगे.