झारखंड: साइकिल से घर आने के लिए निकला था श्रमिक, ट्रक की चपेट में आने से हुई मौत
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झारखंड: साइकिल से घर आने के लिए निकला था श्रमिक, ट्रक की चपेट में आने से हुई मौत

फूलदेव का शव दुर्गापुर अस्पताल में ही पड़ा है. इधर, मृतक के परिजनों ने अपनी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए जिला प्रशासन से फूलदेव का शव मंगवाने का गुहार लगाई है.

परिजनों ने जिला प्रशासन से फूलदेव का शव मंगवाने का गुहार लगाई है. (फाइल फोटो)

चतरा: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बीच लागू लॉकडाउन (Lockdown) में प्रवासी मजदूरों का चतरा आगमन निरंतर जारी है. दूसरे प्रदेशों में फंसे कुछ मजदूर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाकर अपने गांव लौट रहे हैं. तो कोई, अपनी बेबशी और परेशानियों से निजात पाने के लिए पैदल या साइकिल से आ रहा है.

ऐसे ही रोजगार के तलाश में, पश्चिम बंगाल गए चतरा के टंडवा थाना क्षेत्र के तेसरचेपा गांव निवासी मजदूर फूलदेव भुईयां की दर्दनाक मौत सड़क दुर्घटना में हो गई. फूलदेव पश्चिम बंगाल रोजगार के तलाश में गया था. जहां लॉकडाउन के कारण काम बंद होने के बाद, उसके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.

ऐसे में फूलदेव अपने घर के लिए साइकिल से ही निकल पड़ा. लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. पश्चिम बंगाल के ही अंडाल थाना क्षेत्र में अनियंत्रित ट्रक के चपेट में आने से उसकी मौत हो गई. इसके बाद, स्थानीय पुलिस ने उसे उठाकर दुर्गापुर अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

फूलदेव का शव दुर्गापुर अस्पताल में ही पड़ा है. इधर, मृतक के परिजनों ने अपनी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए जिला प्रशासन से फूलदेव का शव मंगवाने का गुहार लगाई है. इसके बावजूद, जिला प्रशासन की ओर से बंगाल के अस्पताल में पड़े फूलदेव के शव को लाने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई है.

ऐसे में परिजनों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों में भी अधिकारियों के प्रति रोष है. जिला परिषद सदस्य, दुलारचंद साहू ने भी जिला प्रशासन से मामले को गंभीरता से लेते हुए, पीड़ित परिवार को मदद पहुंचाने की मांग की है. दुलारचंद्र साहू ने कहा कि, मृतक फूलदेव के पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं.

उन्होंने कहा कि, मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि, वह बंगाल जाकर फूलदेव के शव को ला सकें. ऐसे में जिला प्रशासन शव वाहन का पास (Pass) निर्गत करने के नाम पर टाल-मटोल कर रहा है. जिला पंचायात सदस्य ने अधिकारियों से पल्ला झाड़ने के बजाय, मानवीय संवेदना दिखाते हुए मदद की अपील की है.