बेतिया कारामंडल में भी छठ का उत्साह, कुख्यात से लेकर विचाराधीन बंदी भी आस्था से लबरेज
Advertisement

बेतिया कारामंडल में भी छठ का उत्साह, कुख्यात से लेकर विचाराधीन बंदी भी आस्था से लबरेज

बेतिया कारामंडल में छठ पूजा की वो सारी औपचारिकताएं पूरी की गई है जिसकी दरकार बाहर रहती है. इस बार बेतिया मंडलकारा में छठ पूजा की धूम है. 16 पुरुष बंदी और 14 महिला बंदी छठ पूजा कर रही हैं. 

बेतिया कारामंडल में भी छठ का उत्साह, कुख्यात से लेकर विचाराधीन बंदी भी आस्था से लबरेज.

धन्नंजय द्विवेद्वी/बेतिया: पाप से घृणा करो, पापी से नहीं. यह स्लोगन उन दीवारों पर लिखा होता है, जहां अपराध का पैमाना खींचने वाले पहुंच जाते हैं और बात जब लोक आस्था छठ महापर्व की हो, तो कुछ भी नजर नहीं आता. बस आखों के सामने छठी मईया और जुबां पर उन्हीं के गीत हैं. बेतिया के मंडलकारा जिसे लोग काल कोठरी कहते हैं वहां इन दिनों छठी मईया के तराने गूंज रहे हैं. 

बेतिया कारामंडल में छठ पूजा की वो सारी औपचारिकताएं पूरी की गई है जिसकी दरकार बाहर रहती है. इस बार बेतिया मंडलकारा में छठ पूजा की धूम है. 16 पुरुष बंदी और 14 महिला बंदी छठ पूजा कर रही हैं. 

बेतिया कारामंडल में आस्था से लबरेज ये बंदी उत्साह से सराबोर हैं. इनमें कुख्यात भी हैं तो विचाराधीन बंदी भी, लेकिन सबकी एक ही चाहत है कि छठ महापर्व पर कोई कोर कसर बाकी नहीं रहे. महिला बंदियों में मीना, उर्मिला, रूबी, अहिल्या प्रमीला रीता देवी समेत कई हैं जिनके गीत कालकोठरी की उंची दीवारों को फांद बाहर भी सुनाई पड़ रही है. 

जेल प्रशासन ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है. छठ पूजा से संबधित सारे पूजा सामग्रियों के अलावा व्रत करने वाले तीस बंदियों को नए कपड़े और सारे सामान उपलब्ध कराएं गए हैं.

बेतिया मंडलकारा के जेल अधीक्षक रामाधार सिंह ने बताया कि जेल प्रशासन द्वारा छठ व्रत करने वाले बंदियों को वो सारी सुविधाएं मुहैया करायी गयी है जिसकी दरकार है. जेल के अंदर बने तालाब को साफ करा दिया गया है. व्रत करने वालों को कोई असुविधा नही हो इसको लेकर जेल प्रशासन गंभीर है.

महापर्व छठ की आस्था में कैदी सराबोर हैं. उनकी आस्था की आराधना जेल की बाहर तक सुनाई दे रही है. छठी मईया की गीत से जेल में महापर्व की धूम मची हुई है तो वंही जेल प्रशासन भी महापर्व को यादगार बनाने को ले पूरी तैयारी कर रही है.