कोशी रेल महासेतु पर बोले सीएम नीतीश, अटलजी ने शिलान्यास किया था, अब सपना पूरा हुआ
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कोशी रेल महासेतु पर बोले सीएम नीतीश, अटलजी ने शिलान्यास किया था, अब सपना पूरा हुआ

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कोसी रेल महासेतु के उद्घाटन के मौके पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस पुल का शिलान्यास किया था और आज यह सपना पूरा हुआ है. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि बीच के समय में इसका काम रूक गया था.

बिना किसी का नाम लिए सीएम ने कहा कि बीच के समय में इसका काम रूक गया था.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कोसी रेल महासेतु के उद्घाटन के मौके पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस पुल का शिलान्यास किया था और आज यह सपना पूरा हुआ है.

उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि बीच के समय में इसका काम रूक गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से बिहार में ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु के साथ यात्री सुविधाओं से संबंधित रेलवे की 12 परियोजनाओं का उद्घाटन किया.

वर्चुअल रूप से इस समारोह में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "अटल जी की सरकार ने 6 जून 2003 को इस पुल का शिलान्यास हुआ था, उस समय मैं रेल मंत्री था. आज प्रधानमंत्री द्वारा इस महासेतु का उद्घाटन हो रहा है. यह प्रसन्नता की बात है."

मुख्यमंत्री ने मांग करते हुए कहा, "आज हाजीपुर से वैशाली नई रेल लाइन की भी शुरुआत की जा रही है, जिसे सुगौली तक जोड़ने की योजना है. सुगौली भी ऐतिहासिक जगह है, जहां भारत और नेपाल के बीच वार्ता हुई थी. 10 फरवरी 2004 को वैशाली में अटल जी ने ही इसका शिलान्यास रखा था. इसके एक हिस्से का काम पूरा हुआ है, जिसका आज उद्घाटन हो रहा है. इसे सुगौली तक भी पूरा किया जाएगा."

मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री और प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि बिहार में इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल इंजनियरिंग, जमालपुर, मुंगेर में चलता था. इसमें छात्र का चयन यूपीएससी के माध्यम से होता था. यह इंस्टीट्यूट बंद हो गया है, इसको फिर से शुरू करा दिया जाए."

मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में अन्य राज्यों से लाए गए लोगों के लिए रेल मंत्रालय का आभार जताया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमारे बाहर फंसे श्रमिकों को राज्य में वापस लाने में रेलवे ने काफी मदद की है. विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन कराया गया, जिससे 23 लाख से ज्यादा श्रमिक बाहर से बिहार आए.