लाइट हाउस में हिस्सेदारी मामले पर बोले CM सोरेन- लाभुकों पर बोझ अधिक, उसे कम करने की जरूरत
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लाइट हाउस में हिस्सेदारी मामले पर बोले CM सोरेन- लाभुकों पर बोझ अधिक, उसे कम करने की जरूरत

इस योजना के तहत लाभुकों का बोझ कैसे कम हो, इस पर चिंतन करने की आवश्यकता है. केंद्र सरकार से हमारी मांग है इसमें अपना अंशदान बढ़ाए.

लाइट हाउस में हिस्सेदारी मामले पर बोले CM सोरेन- लाभुकों पर बोझ अधिक, उसे कम करने की जरूरत.

रांची: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने लाइट हाउस प्रोजेक्ट के शिलान्यास के दौरान कहा कि ये आवास लगभग 13 लाख रुपये का होगा. 350 sq feet का आवास होगा. अगर झारखंड में सभी लोगों के पास 13 लाख रुपये हो जाए, फिर तो मुझे लगता है लोगों को लाइट हाउस की आवश्यकता नहीं, बल्कि खुद से लोग भव्य आवास बना लेंगे. 

उन्होंने कहा कि आपको बताएं लाइट हाउस योजना के तहत इस आवास की कुल लागत लगभग साढ़े 13 लाख होनी है, जिसमें साढ़े 5 लाख का अंशदान केंद्र सरकार को देना है जबकि एक लाख का अंशदान राज्य सरकार को देना है. बाकी लागत लाभुक को देना है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पीएम से कहा कि झारखंड में लोगों की आय कम है, यहां मजदूर तबके के लोग रहते हैं. 

इस योजना के तहत लाभुकों का बोझ कैसे कम हो, इस पर चिंतन करने की आवश्यकता है. केंद्र सरकार से हमारी मांग है इसमें अपना अंशदान बढ़ाए.

आगे मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि नए साल में नई योजना शुभारंभ हो रहा है, इस आशा और उम्मीद के साथ कि इसका लाभ लोगों को मिले. हमारे राज्य में गरीबों की संख्या और उनकी तादाद काफी है, हमें और आवास की भी आवश्यकता होगी. सरकार का लक्ष्य है शहर से गांव तो लोगों को आवास मिले.

उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर राज्यवासियों को नए साल की शुभकामना देता हूं. इस राज्य के लिए एक और ऐतिहासिक दिन है और उस दिन का हम लोग साक्षी रहे हैं. खरसावां शहीद दिवस है आज. आज के दिन ही हजारों आदिवासियों ने खरसावां में अपनी कुर्बानी दी. उन्हें भी नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

इस मौके पर बीजेपी सांसद सजंय सेठ ने कहा कि साढ़े 5 लाख रुपये का अंशदान केंद सरकार दे रही है. राज्य सरकार का अंशदान एक लाख रुपये का है, जबकि लाभुक को सिर्फ साढ़े 6 लाख देना है. अब राजधानी रांची हर्ट ऑफ द कैपिटल अगर साढ़े 6 लाख देकर आवास मिल जाये तो ये तो बहुत बड़ी चीज है. 

सीएम सोरेन ने कहा कि 2022 तक पीएम का संकल्प है देशवासी जिनके पास अपना मकान नहीं है. उनको अपना घर, पीएम आवास भी करोड़ों की संख्या में बन रहा है. आप कल्पना कर सकते हैं, शहर के बीचोंबीच साढ़े 6 लाख में आपको जमीन नहीं मिल सकती है. लाइट हाउस प्रोजेक्ट तो बहुत बड़ा कदम है, भूकम्प से भी सुरक्षित है.