कांग्रेस ने एक बार फिर नीतीश कुमार को लेकर बरता नरम रुख, महागठबंधन को गुजरा नागावार
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कांग्रेस ने एक बार फिर नीतीश कुमार को लेकर बरता नरम रुख, महागठबंधन को गुजरा नागावार

पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथी पर नीतीश कुमार को देश बचाने के लिए कांग्रेस के साथ आने की अपील की है. लेकिन कांग्रेस नेता की ये अपील महागठबंधन के दूसरे सहयोगी दलों को नागवार गुजरी है.

नीतीश कुमार को लेकर कांग्रेस का नरम रुख एकबार फिर सामने आया है.

पटना: नीतीश कुमार को लेकर कांग्रेस का नरम रुख एकबार फिर सामने आया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथी पर नीतीश कुमार को देश बचाने के लिए कांग्रेस के साथ आने की अपील की है. लेकिन कांग्रेस नेता की ये अपील महागठबंधन के दूसरे सहयोगी दलों को नागवार गुजरी है. आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने तो आचार्य प्रमोद कृष्णन को पहचनाने तक से इंकार कर दिया है. वहीं, आरएलएसपी ने महागठबंधन के लिए नो एंट्री का बोर्ड दिखा दिया है.

नीतीश कुमार भले ही कांग्रेस को भाव न दे रहे हों लेकिन कांग्रेस नीतीश कुमार को लेकर अभी भी आस में है. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृ्त्व में एनडीए के जाने का फैसला हो चुका है. अमित साह ने इसकी सार्वजनिक रुप से घोषणा भी कर दी है. लेकिन इसी बीच कांग्रेस की तरफ से एकबार फिर नीतीश को लेकर लुभावने बयान दिया गया है.

कांग्रेस के सीनियर लीडर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा है कि हम चाहते हैं कि नीतीश कुमार कांग्रेस के साथ खडे हों. कांग्रेस नेता ने कहा है कि देश बचाने के लिए एनपीआर एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर नीतीश कुमार बीजेपी और सत्ता का साथ छोड कांग्रेस के साथ आएं.

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन भले ही नीतीश कुमार पर सियासी चारा फेंक रहे हों लेकिन उनकी ये कोशिश उनके सहयोगी दलों को नागवार गुजर गई. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने तो प्रमोद कृष्णन को पहचानने से ही इंकार कर दिया. इतना ही नहीं जगदानंद सिंह ने कहा कि प्रमोद कृष्ण वाकई आचार्य हैं तो उन्हें राजनीति नहीं करनी चाहिेए. आरजेडी अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग देश तोड़नेवालों को मदद कर रहे हों. जो बापू के विचारों की हत्या कर रहे हों. उनके साथ समझौता कैसे हो सकता है.

इधर, आरएलएसपी ने भी प्रमोद कृष्णन के बयान को उनका निजी बयान करार दिया है. आरएलएसपी प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि नीतीश कुमार की कोई विचारधारा ही नहीं है. उनकी पार्टी संसद में सीएए का समर्थन कर चुकी है. ऐसे में उनके लिए महागठबंधन के दरवाजे खुले हुए नहीं हैं.

बीजेपी ने मामले पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के प्रवक्ता अजित चौधरी ने कहा है कि जिसे जहां जाना है वो जा आ सकता है. लेकिन हकीकत ये है कि जो देश को बचाना चाहते हैं वो कांग्रेस के साथ कभी नहीं खडे होंगे.

वहीं, जेडीयू ने भी कांग्रेस नेता के ऑफर को ठुकरा दिया है. पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि कांग्रेस के साथ हमारे जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. बीजेपी के साथ हमारा समझौता नेचुरल है. कांग्रेस तो मुख्य विपक्षी पार्टी होने की भी भूमिका नहीं निभा पायी है.