कांग्रेस प्रभारी वीरेन्द्र राठौड़ ने तेजस्वी यादव को अगले विधानसभा चुनाव के लिए सीएम कैंडिडेट मानने के सवाल को हैपोथेटिकल करार दिया.
Trending Photos
पटनाः विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में भूमिकाओं का दौरा शुरु हो चुका है. सोमवार को कांग्रेस सलाहकार समिति की बैठक में कई अहम फैसले हुए. पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव के लिए पांचों सीटों पर अपनी दावेदारी की रणनीति तैयार की. वहीं, बिहार कांग्रेस प्रभारी वीरेन्द्र राठौड़ ने तेजस्वी यादव को अगले विधानसभा चुनाव के लिए सीएम कैंडिडेट मानने के सवाल को हैपोथेटिकल करार दिया.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार कांग्रेस ने अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है. लेकिन पार्टी उससे पहले होने वाले उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहती है. सोमवार को पार्टी की एडवायजरी कमिटी की बैठक हुई. बैठक में कमिटि के 26 नेताओं में केवल 9 ही नेता बैठक में शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष मदन मोहन झा ने की.
बैठक में संगठन को मजबूत करने के अलावा उपचुनाव पर भी चर्चा हुई. बैठक में शामिल सदस्यों ने कांग्रेस आलाकमान को सभी पांच सीटों पर तैयारी करने की सलाह दी. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह ने कहा कि गठबंधन के लिए हम एक या दो सीट छोड सकते हैं. कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लडने के लिए सक्षम है.
वहीं, दूसरी तरफ पार्टी के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि बैठक में पार्टी के नेताओं ने अपनी भावना से आलाकमान को अवगत करा दिया है. मंगलवार तक बिहार कांग्रेस की भावना आलाकमान तक पहुंच जाएगी. उपचुनाव अकेले लड़ने या फिर महागठबंधन के साथ लड़ने के सवाल पर मदन मोहन झा ने कहा कि इसको लेकर सदस्यों में मिश्रित प्रतिक्रिया थी. वैसे फैसला आलाकमान को ही लेना है. संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी प्रखंड स्तर पर मीटिंग भी करेगी और सदस्यता अभियान को तेज भी करेगी.
बैठक में मौजूद बिहार कांग्रेस के प्रभारी वीरेन्द्र राठौड ने कहा कि बिहार यूनिट की भावना से आलाकमान को अवगत करा दिया जाएगा. हमारी कोशिश होगी कि संगठन के स्तर पर पार्टी को मजबूत किया जाए. वहीं तेजस्वी यादव को अगले चुनाव में कांग्रेस की ओर से सीएम कैंडिडेट मानने के सवाल पर वीरेन्द्र राठौड़ ने सवाल को हैपोथेटिकल करार दिया. वीरेन्द्र राठौड ने कहा कि हमें इस तरह की कोई जानकारी नहीं. हमारी पार्टी लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करती है. यहां इस तरह का फैसला विधायक दल ही लेता है.
उपचुनाव उन सीटों पर होगी जहां लोकसभा चुनाव में विधायक अब सांसद बन गए हैं. इनमें किशनगंज, दरौंदा, बेलहर, नाथनगर और सिमरी बख्तियारपुर की सीट शामिल है. किशनगंज को छोड़ दिया जाए तो 4 सीटें जेडीयू के खाते की हैं. किशनगंज की सीट कांग्रेस की सीटिंग सीट है. लेकिन सीटों का बंटवारा तब हुआ था जब जेडीयू 2015 चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा थी. इन चारों सीटिंग सीट पर महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के साथ आरजेडी भी दावा ठोक सकती है.